
दिल्ली:
28 अप्रैल से देश में तीसरे फ़ेज़ के वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया, लेकिन राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने एक मई से शुरू होने वाले अभियान का हिस्सा बनने से हाथ खड़े कर दिए हैं. वजह पर्याप्त वैक्सीन डोज़ न होना बताया जा रहा है. हालाँकि बीजेपी शासित राज्य तेजी से तीसरे फेज के टीकाकरण का दम भर रहे. जबकि हकीकत यह है कि केन्द्र और राज्यों के पास 18-45 आयुवर्ग के लिए तेजी से टीकाकरण अभियान चलाने लायक कोटा ही नहीं बचा है.
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पास एक करोड़ छह लाख 19 हजार 892 वैक्सीन डोज़ उपलब्ध है. देश में 68 हजार वैक्सीन सेंटर हैं जहां एक दिन में 28 लाख लोगों का टीकाकरण संभव है. ऐसे में ये वैक्सीन स्टॉक चार दिन ही चल सकता है. इसी तरह केन्द्र के स्टॉक में भी वैक्सीन कम ही बची है.

नेशनल कोविड टास्क फ़ोर्स, आईसीएमआर चेयरमैन डॉ एन के अरोड़ा के मुताबिक़ एक महीने में अधिकतम 6-7 करोड़ टीका बन सकता है. इसलिए रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V को लेकर खबरें हैं कि ये दवा मददगार साबित हो सकती है. यानी मई में विदेशी वैक्सीन मिलेगी तो अभियान तेजी से आगे बढ़ पाएगा लेकिन जो उत्साह वैक्सीनेशन के रजिस्ट्रेशन में युवा दिखा रहे हैं उससे टीकाकरण अभियान के बीच शॉर्टेज का संकट कभी भी बन सकता है.