‘…मैं सुरक्षित नहीं हूं क्यूंकि मैं 22 साल की युवती हूं और तालिबान लोगों पर दबाव डाल रहा है कि वे अपनी बेटियों को, पत्नियों के रूप में उनके लड़ाकों को सौंप दे. मैं इसलिए भी सुरक्षित नहीं हूं क्यूंकि मैं एक पत्रकार हूं..’तालिबान का रुह कंपाने वाला सच
तालिबान से भयभीत महिला पत्रकार की व्यथा…
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