उत्तराखंड और धामी के साथ खड़ा केंद्र, सीएम को गृह मंत्री शाह का भरोसा, मचे हल्ले पर क्या बात हुई?

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दिल्ली: तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। करीब घण्टे भर चली बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने गृह मंत्री शाह को पिछले दिनों राज्य में विभिन्न जगह आई दैवीय आपदा और उन क्षेत्रों में किए गए आपदा प्रबन्धन, राहत व बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। दोनों नेताओं के बीच पुलिस आधुनिकीकरण के मुद्दे पर भी विचार विमर्श हुआ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गृह मंत्री अमित शाह के बीच बुधवार को अपराह्न लगभग 3 बजे मुलाकात हुई। यह मुलाकात लगभग एक घण्टे तक चली। मुलाकात का ब्यौरा देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि इस दौरान राज्य के विकास को लेकर बृहद चर्चा हुई। खासतौर पर उन्होंने गृह मंत्री शाह को दैवीय आपदा से राज्य में हुई क्षति के बारे में जानकारी दी। गृह मंत्री ने सीएम को आश्वासन दिया है कि सुख दुख में केन्द्र सरकार मजबूती से उत्तराखण्ड की जनता के साथ खड़ी है और आगे भी रहेगी।

सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात में मुख्यमंत्री धामी और केंद्रीय गृह मंत्री शाह के बीच बीते सालों में हुई कई भर्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर भी चर्चा हुई। सीएम धामी ने बताया है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग सहित विधानसभा में बैकडोर भर्ती और दरोगा भर्ती में करप्शन के आरोपों के बाद एसटीएफ से लेकर विजिलेंस आदि एजेंसियों को जांच में लगा दिया गया जिसके बाद चालीस से ज्यादा अभियुक्त सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। 18 के खिलाफ चार्जशीट फाइल हो चुकी है और कई पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई कर संपत्ति कुर्क की जा रही।

माना जा रहा है कि जिस तरह से युवा मुख्यमंत्री ने युवाओं के सरकारी नौकरी के सपनों पर नकल माफिया ने पेपर लीक कराकर डाका डालने की कोशिश की उसमें एसटीएफ जांच के त्वरित एक्शन को गृह मंत्री ने सराहा है। सीएम धामी ने जिस तरह से विधानसभा में बैकडोर भर्तियों का जिन्न बोतल से बाहर निकलने पर स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण से उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति से जांच का अनुरोध किया उससे भी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ने मुख्यमंत्री के कदम को सराहा है।

हालांकि सूत्रों का दावा है कि जिस तरह से प्रेमचंद अग्रवाल और धन सिंह रावत के खिलाफ भर्तियों में भ्रष्टाचार पर विपक्ष हमलावर है वह शीर्ष नेतृत्व के संज्ञान में है। हालांकि नवरात्रों से पहले किसी भी तरह के एक्शन की बात महज अटकलबाजी से अधिक कुछ नहीं। माना जा रहा है कि स्पीकर द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद नेतृत्व स्थिति का परीक्षण करेगा क्योंकि पार्टी नहीं चाहेगी कि हल्ले के बीच किसी मंत्री का विकेट गिराकर विपक्ष को श्रेय लेने का मुफ्त मौका दे कि उसने करप्शन के आरोपों में एक या दो मंत्रियों को आउट कर डाला।


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