
देहरादून: वीरभूमि उत्तराखंड के मातृभूमि की रक्षा के जज़्बे की तारीख यूँ ही सब नहीं करते हैं क्योंकि बात जब देश की सरहदों की निगेहबानी की आती है तो पहाड़ प्रदेश के युवा सबसे अग्रिम पंक्ति में खड़े नजर आते हैं। भारतीय सैन्य अकादमी यानी आईएमए से सैन्य ट्रेनिंग लेकर इस बार पास आउट हो रहे जेंटलमैन कैडेट्स की तादाद उसी परम्परा को आगे बढ़ाती नजर आ रही है। आबादी के लिहाज से देश की महज 0.84 फीसदी आबादी उत्तराखंड में बसती हे लेकिन 12 जून को पास आउट होने वाले कैडेट्स में राज्य है प्रतिनिधित्व 11 फीसदी है।
दरअसल इस बार आईएमए से 341 इंडियन कैडेट्स पास आउट हो रहे हैं जिनमें 37 कैडेट्स उत्तराखंड के शामिल हैं। जबकि उत्तराखंड के बरक्स उत्तरप्रदेश की आबादी कई गुणा अधिक है जबकि कैडेट्स की आबादी के लिहाज से उत्तराखंड का औसत कहीं बेहतर है। यहाँ तक कि बिहार, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के मुकाबले भी उत्तराखंड की तादाद कहीं अधिक है।वैसे सेना को अफसर देने के लिहाज से हरियाणा और पंजाब का भी दबदबा कायम है।
किस राज्य से कितने कैडेट:-