आरबीएस रावत अंदर, एस राजू, संतोष बडोनी, कुंजवाल और अग्रवाल कब? जानिए इंद्रेश मैखुरी ने क्यों पूछा ये सवाल

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STF Arrested Dr RBS Rawat in UKSSSC, former Chairman in VPDO 2016 Recruitment Scam, when action will be on S Raju and Santosh Badoni: 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की भर्ती परीक्षा आयोजित कराई थी।

UKSSSC की यह संभवतया तीसरी ही भर्ती परीक्षा थी जिसमें जबरदस्त धांधली और पेपर लीक करा नकल माफिया ने साबित कर दिया था कि उसकी पहुंच अंदर तक है। यही वजह रही कि आयोग के पहले अध्यक्ष बने डॉ आरबीएस रावत चौतरफा निशाने पर आए और घिरने के बाद इस्तीफा देकर पाक साफ बनकर बैठ गए। लेकिन अब जब प्रदेश में UKSSSC स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की चिंगारी दवानल बनकर कईयों को लपेटे में ले चुकी तब 2016 की VPDO भर्ती परीक्षा का जिन्न भी बोतल से बाहर निकल गया और इसी की परिणति रही कि शनिवार को उत्तराखंड एसटीएफ ने आयोग के पूर्व चेयरमैन और रिटायर्ड पीसीसीएफ डॉ आरबीएस रावत (retired IFS) को दो अन्य आरोपियों के साथ अरेस्ट कर लिया है।

आरबीएस रावत न केवल हरदा सरकार में UKSSSC के गठन के साथ ही इसके पहले चेयरमैन रहे बल्कि सीएम पुष्कर सिंह धामी के पूर्ववर्ती तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के चंद दिन बाद उनके प्रमुख सलाहकार बनकर सचिवालय के फोर्थ फ्लोर से लेकर उनकी किचन कैबिनेट में खास जगह पा गए थे। आरबीएस रावत आरएसएस में भी घुसकर पद पा गए थे लेकिन आज नाप दिए गए हैं।

सवाल उठ रहे कि अब जब VPDO भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोपों में UKSSSC के पूर्व चेयरमैन अरेस्ट कर लिए गए हैं तब क्यों न UKSSSC पेपर लीक से लेकर कई भर्ती परीक्षाओं में धांधली और लापरवाही के आरोप झेल रहे पूर्व अध्यक्ष एस राजू और सचिव संतोष बडोनी को भी क्यों न आरबीएस रावत के बगल में जेल भेजा जाए?

इतना ही नहीं राज्य आंदोलनकारी और भाकपा(माले) के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी राजू,बडोनी के साथ साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं।

यहां पढ़िए इंद्रेश मैखुरी द्वारा जारी प्रेस बयान हुबहू :

एक परीक्षा में धांधली वाले आर बी एस रावत गिरफ्तार, कई परीक्षाओं में धांधली वाले एस. राजू और संतोष बडोनी की गिरफ्तारी कब होगी? विधानसभा भर्ती घोटाले में पूर्व अध्यक्षों गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेम चंद्र अग्रवाल की गिरफ्तारी कब होगी? वर्ष 2000 से 2011 तक विधानसभा में हुई बैकडोर नियुक्तियों की जांच कब होगी, उसके दोषियों पर कार्यवाही कब होगी?

आर बी एस रावत के उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष रहते हुए एक भर्ती परीक्षा हुई और उसमें धांधली भी सामने आई। परीक्षा में धांधली की जिम्मेदारी उन पर आयद करने के बजाय, उन्हें इस्तीफा दे कर बच निकलने का अवसर दिया गया।
उसके बाद एस. राजू को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। जबकि 2013 में देश का सर्वोच्च न्यायालय, एस. राजू की सत्यनिष्ठा पर सवाल उठा चुका था। भजन सिंह बनाम उत्तराखंड सरकार के मामले में उच्चतम न्यायालय ने एस.राजू की जांच करने को भी कहा। लेकिन जांच करने के बजाय उन्हें उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बना कर राज्य के बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़ करने की खुली छूट दी गयी। आर बी एस रावत को कांग्रेस की सरकार के समय हरीश रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया। उनके इस्तीफे के बाद एस.राजू को भी हरीश रावत ने नियुक्त किया और तमाम भर्ती परीक्षाओं में धांधलियों के आरोपों के बावजूद वे भाजपा के तीन मुख्यमंत्रियों- त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत और पुष्कर धामी के कार्यकाल में पद पर बने रहे। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तमाम परीक्षाओं में घपले सामने आने के बाद भी पुष्कर सिंह धामी ने उनको हटाया नहीं बल्कि इस्तीफा दे कर सुरक्षित निकलने का विकल्प उन्हें दे दिया गय। यह दर्शाता है कि इस राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के मामले में भाजपा- कांग्रेस दोनों बराबर के हिस्सेदार हैं।

कल ही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा में धांधली के चार आरोपी, कमजोर सबूतों के आधार पर जमानत पर छूट गए हैं। अगर ठोस सबूत और मजबूत पैरवी न हुई तो आर.बी.एस.रावत की गिरफ्तारी भी एक और स्टंट ही सिद्ध होगी।

-इन्द्रेश मैखुरी
गढ़वाल सचिव
भाकपा (माले)


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