नौकरी के लिए निष्पक्ष परीक्षा माँगेंगे तो नोटिस मिलेगा: युवाओं ने UKSSSC द्वारा ऑनलाइन परीक्षा के लिए अनुबंधित NSEIT को बताया दागी तो आयोग ने भेजा विधिक नोटिस

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देहरादून: क्या आप यकीन करेंगे कि नौकरी मांगते उत्तराखंड के बेरोजगार युवा अगर निष्पक्ष परीक्षा के लिए आवाज बुलंद करेंगे तो उनको नौकरी नहीं विधिक नोटिस मिलेगा! उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार के साथ ठीक ऐसा ही हुआ है। नौकरी की आस में युवा किस तरह से भाग-दौड़ कर इधर-उधर से पसीना बहाकर अगर कुछ जानकारी जुटाकर सवाल उठाते हैं तो भर्ती आयोग की शान में गुस्ताफी हो जाती है। मामला यह है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने NSEIT नामक एजेंसी को राज्य में ऑनलाइन परीक्षा कराने है ठेका दिया है। NSEIT वह एजेंसी है जिसे 2017 में उत्तरप्रदेश सरकार ने सब इंस्पेक्टर भर्ती में धाँधली के आरोप में ब्लैकलिस्ट कर दिया था। हाल में मध्यप्रदेश सरकार ने भी NSEIT द्वारा कराई तीन परीक्षाओं को रद्द करते हुए इस एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।


अब जब उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 22-24 हजार सरकारी नौकरियां बांटने का दम भरा है और इनकी कई भर्तियाँ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग-UKSSSC को करानी हैं। UKSSSC ने NSEIT को अनुबंधित किया है और जब बेरोजगार युवाओं को NSEIT का बैकग्राउंड और उस पर लगे संगीन आरोपों के बारे में पता चला तो उसे लेकर एक शिकायत थाने में दी और मीडिया से जानकारी साझा की। अब बेहतर तो यह होता कि धामी सरकार और आयोग NSEIT एजेंसी को लेकर उठ रहे सवालों की पड़ताल करते, क्योंकि ये आरोप न तो राजनीति से प्रेरित होकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने लगाए थे न ही आम आदमी पार्टी ने। ये आरोप सालों से सरकारी नौकरी मांग रहे बेरोज़गार युवाओं के थे जो सशंकित थे एक दागी एजेंसी के चलते अपने भविष्य को लेकर। लेकिन नौकरी की टूटती आस पर आयोग की छवि भारी पड़ गई है और आयोग सचिव संतोष बडोनी ने दो पेज का विधिक नोटिस भेजकर बेरोजगार युवा बॉबी पंवार से NSEIT पर ठोस सबूत माँगें हैं।

आयोग सचिव ने कहा है कि एक तो, बिना सबूतों के ऐसे सवाल खड़े करने से हमारी छवि धूमिल कर मानहानि का अपराध किया है। दूसरा विविध कार्रवाई से बचने के लिए आप इस एजेंसी को 2017 में उत्तरप्रदेश में प्रतिबंधित सूची में डालने की प्रति आयोग को मुहैया कराई जाए। साथ ही मध्यप्रदेश में कृषि विकास अधिकारी परीक्षा में कराई गई जांच के बाद NSEIT के खिलाफ की गई कार्रवाई के आंदोलन की प्रति उपलब्ध कराएँ। अब आयोग भले समय पर परीक्षा न करा पाता हो, सालाना भर्ती कैलेंडर जारी न कर पाता हो पर एक बेरोज़गार युवा से उसे 15 दिन के भीतर जवाब चाहिए, अन्यथा आयोग बेरोजगार युवा के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई अमल में लाएगा। इस बारे में जब The News Adda ने आयोग सचिव संतोष बडोनी से फोन पर जानकारी माँगी तो उनका कहना था कि NSEIT ही वास्तविक नाम है एजेंसी का और उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में एजेंसी के खिलाफ कोई गड़बड़ी या धाँधली का आदेश नहीं आया है न ही NSEIT को ब्लैकलिस्ट किया गया है। और अगर किसी के पास इस बारे में कोई जानकारी है तो उसे आयोग के सामने प्रामाणित करे। अब आप मध्यप्रदेश से लेकर उत्तरप्रदेश के तमाम अखबारों की खबरें देखिए जिनमें NSEIT एजेंसी के कारनामे छपे हैं लेकिन आयोग को सबूत बेरोजगार युवाओं से चाहिए।

अब इसे आयोग की चालाकी कहेंगे या कामकाज को लेकर उसकी गंभीरता कि दो पेज के नोटिस में सचिव संतोष बडोनी ने दो बार सेवाप्रदाता एजेंसी का उल्लेख किया लेकिन दोनों बार NSEIT (वास्तविक नाम) को NESIT( गलत नाम) लिखा है।

बेरोजगार युवाओं गांधी पार्क में इकट्ठा हो भरी हुंकार

गांधी पार्क में आयोजित बैठक में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा है कि UKSSSC द्वारा ऑनलाइन परीक्षा करवाने का अनुबंध प्रतिबंधित एजेंसी NSEIT के साछ किया है जो कि उत्तराखंड के लाखो बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ऐसे कृत्यों को बिलकुल बर्दाश्त नही करेगा बल्कि इस भ्रष्टाचार का पुरजोर विरोध करेगा। छात्र नेता लुशुन टोडरिया ने कहा अगर आयोग NSEIT जैसी दागी संस्था के साथ अनुबंध रद्द नहीं करता तो उत्तराखंड के बेरोजगार युवा आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

पूर्व महासचिव प्रदीप तोमर ने कहा कि 12 सितम्बर को होने वाली सहायक लेखाकार की परीक्षा को स्थगित कर उस परीक्षा को ऑफ़लाइन माध्यम से एक ही शिफ्ट में संपन्न करवाया जाए। वहीं उत्तराखंड टॉपर्स क्लासेज के संचालक प्रदीप सिंह का कहना है कि राज्य में एक साथ 3 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा एक शिफ्ट में ऑफलाइन माध्यम से करवाने की क्षमता है परन्तु फिर भी वन दरोगा की परीक्षा में 50 हजार अभ्यर्थियों की परीक्षा आयोग द्वारा 18 पालियों में संपन्न करवाई गई जो कि न्यायसंगत नहीं है। अतः आगामी समस्त परीक्षाओं का आयोजन एक दिवस और एक ही पाली में ऑफलाइन माध्यम से करवाया जाए। इन तथ्यों के संदर्भ में कल बेरोजगार संघ आयोग पहुंचकर आयोग के सचिव व अध्यक्ष से स्पष्टीकरण की मांग करेगा।बैठक में शामिल युवाओं में रोहित, सूरज, सुरेश, सन्नी, विपिन, ऋतु, पूजा, प्रीति, अरविंद, हाकम, देवेंद्र, बिट्टू, आदि मौजूद रहे ।


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