देहरादून:
- डीजी हेल्थ तृप्ति बहुगुणा ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों को जारी किए आदेश
- RT PCR टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कोविड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो अस्पताल में किया जाए भर्ती
- ऐसे मामलों में बिना किसी विलंब के रोगी को तत्काल अस्पताल में भर्ती कर उपचार करने के निर्देश
- किसी भी सूरत में रोगी को उचित स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित ना रखा जाए
- RT PCR टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद कोविड के लक्षणयुक्त मरीजों को गंभीर स्थिति में भी उपचार नहीं मिल रहा था जिसके चलते डीजी हेल्थ ने उक्त आदेश जारी किए
कोविड जांच के लिए दुनियाभर में आरटी-पीसीआर सबसे बेहतर टेस्ट माना जाता है. लेकिन देखने में आ रहा है कि आरटी पीसीआर की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है और मरीज में कोविड के क्लासिक लक्षण मिलते हैं. यही वजह है कि कोविड -19 टास्क फ़ोर्स और आईसीएमआर और एम्स जैसे संस्थान ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर कोविड प्रोटोकॉल के तहत इलाज देने की वकालत कर रहे हैं.
उत्तराखंड सरकार ने सोमवार शाम आदेश जारी किए कि आरटी पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव होने के बावजूद अगर कोविड लक्षण हैं तो ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज दिया जाए.
RT-PCR का मतलब है रियल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रियक्शन. कोविड लक्षण वाले मरीज की नाक या गले से स्वाब लिया जाता है और उसे एक लिक्विड में डाला जाता है जिससे वायरस एक्टिव रहता है और फिर लैब में टेस्टिंग होती है. लेकिन कई बार स्वाब लेने के गलत तरीके, स्टोरेज सही न कर पाने से लेकर शरीर में वायरल लोड बहुत कम होना और म्यूटेड वायरस के कारण भी रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है. यही वजह है कि अब अधिक से अधिक सीटी स्कैन टेस्ट कराने की सिफ़ारिश कर रहे ताकि पीड़ित की सही रिपोर्ट सामने आ सके.
ऐसे हालात में कोविड के क्लासिक लक्षण जैसे स्वाद और गंध महसूस न होना, बुखार और ठंड लगना, थकान होना, गले में ख़राश होना पेट संबंधी या गैस की समस्या होने जैसे लक्षणों पर तुरंत खुद को आइसोलेट रखें भले आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आ जाए. ऐसे में डॉक्टर रिटेस्टिंग और सीटी स्कैन टेस्ट भी कराकर पता लगाते हैं.