देहरादून: बाइस बैटल को लेकर का कांग्रेस और भाजपा अपने ज्यादातर उम्मीदवार उतार चुके हैं। भाजपा को 70 में से 11 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान करना शेष है। जबकि कांग्रेस को महज छह सीटों पर उम्मीदवार खोजने हैं। यह अलग बात है कि बगावत के बवंडर से घबराकर कांग्रेस ने दूसरी लिस्ट के 11 नामों पर आज पुनर्विचार करने का फैसला ले लिया है। बगावत से उठे बवंडर का आलम यह है कि अगर भाजपा में डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान से लेकर टिकट कटने से नाराज कई नेता बागी चुनाव लड़ने को ताल ठोक रहे हैं तो कांग्रेस का हाल यह है कि पूर्व सीएम और कैपेन चीफ हरदा की रामनगर सीट पर ही बगावत हो चुकी है। रामनगर में रणजीत रावत पीछे हटने की बजाय निर्दलीय चुनाव लड़ने को लेकर आगे बढ़ चुके हैं जिसके बाद कांग्रेस नेतृत्व सक्रिय होकर बीच-बचाव का रास्ता खोजने में जुट गया है।
भाजपा में टिकट कटने के बाद बगावत की आग कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक फैल चुकी है। अल्मोड़ा, द्वाराहाट, कर्णप्रयाग और थराली के सिटिंग विधायक बागी सुर दिखा रहे और निर्दलीय मैदान में उतरने की हूंकार भर रहे। एक-दो नहीं बल्कि सत्ताधारी भाजपा द्वारा अब तक घोषित 59 सीटों में से लगभग 26 सीटों पर बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं। हालाँकि पार्टी के शीर्ष नेता बगावत की आग बुझाने को घोड़े खोल चुके हैं लेकिन अभी तक कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है।
भाजपा में इन सीटों पर छिड़ा बगावत बवंडर
भाजपा में सबसे बड़ी बग़ावत अल्मोड़ा में दिख रही है। डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान टिकट कटने से खासे नाराज हैं और निर्दलीय चुनाव लड़ने की हूंकार भर रहे हैं। इसी तरह थराली विधायक मुन्नी देवी, कर्णप्रयाग विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी और द्वाराहाट विधायक महेश नेगी टिकट काटे जाने से नाराज हैं। भाजपा में देहरादून शहर की कैंट सीट पर भी खुलकर नाराजगी उभर रही है।
भाजपा में दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर नाराजगी उभर रही है। इन सीटों में यमुनोत्री, गंगोत्री, थराली, कर्णप्रयाग, घनसाली, नरेंद्रनगर, प्रतापनगर, धनोल्टी, पौड़ी, धारचूला, कपकोट, द्वारहाट, अल्मोड़ा, भीमताल, नैनीताल, धर्मपुर, रायपुर, राजपुर रोड, देहरादून, ऋषिकेश, ज्वालापुर, रुड़की, मंगलौर, लक्सर, यमकेश्वर और काशीपुर शामिल हैं।
कांग्रेस में इन सीटों पर बगावत बवंडर
कांगेस में बगावत बवंडर का अंदाज हरीश रावत की रामनगर सीट से ही लगाया जा सकता है, जहां रणजीत रावत खुलकर उनके विरोध में आ गए हैं। अब अगर पार्टी नेतृत्व कोई बीच-बचाव का रास्ता नहीं निकाल पाया तो 28 जनवरी को हरदा कांग्रेस टिकट और रणजीत रावत निर्दलीय पर्चा भरते दिखेंगे। कांग्रेस में बगावत लालकुआं में भी दिख रही है जहां पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिश्चंद्र दुर्गापाल टिकट काटे जाने निर्दलीय चुनाव लड़ने की हूंकार भर रहे हैं।
उधर, ऋषिकेश में टिकट कटने से पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण और पूर्व प्रत्याशी राजपाल खरोला खुलकर टिकट पा गए युवा नेता जयेंद्र रमोला के विरोध में उतर गए हैं।
कांग्रेस में भी दो दर्जन सीटों पर बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं। इन सीटों में यमुनोत्री, गंगोत्री, रुद्रप्रयाग, घनसाली, सहसपुर, रायपुर, बीएचईएल रानीपुर, यमकेश्वर, गंगोलीहाट, बागेश्वर, नैनीताल, हल्द्वानी, काशीपुर, बाजपुर, सितारगंज, नानकमत्ता, देहरादून कैंट, ऋषिकेश, ज्वालापुर, झबरेड़ा, खानपुर, लैंसडौन, लालकुआं, रामनगर और कालाढूंगी शामिल है।