दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोविड सेकेंड वेव के चलते पैदा ऑक्सीजन संकट पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीसरी लहर की चेतावनी पर चिन्ता जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमण की आशंका जताई जा रही है और अगर बच्चे संक्रमित हुए तो मां-बाप क्या करेंगे, आप क्या करेंगे? शीर्ष अदालत ने पूछा कि भारत सरकार के पास थर्ड वेव की चेतावनी को देखते हुए आपातकालीन योजना क्या है? कोर्ट ने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान में बच्चों के लिए विचार किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने तीसरी लहर के खतरे को लेकर ऑक्सीजन क़िल्लत से निपटने की तैयारी करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने केन्द्र को फटकार लगाते हुए कहा कि दूसरी लहर का कहर जारी है और तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में इससे निपटने की तैयारी अभी से करनी होगी.
सुप्रीम कोर्ट केन्द्र को निर्देश दिए हैं कि दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देनी ही चाहिए. साथ ही देश में भी ऑक्सीजन संकट खड़ा नहीं होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट कर अलॉटमेंट के तरीके पर विचार करना चाहिए.