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भाजपा ‘संगठन ही सेवा’ और ‘गांव में सेवा’ से जानेगी जमीनी हालात तो हरदा मैदान से पहाड़ के गांव जाकर परखेंगे तीसरी लहर की तैयारियां

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देहरादून: कोरोना दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर टूटी है। इसका अहसास सत्ताधारी दल भाजपा को भी है और विपक्षी दल कांग्रेस को भी। तभी तो बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यालय के दो साल पूरे होने के मौके पर संगठन ही सेवा और गांव में सेवा अभियान के ज़रिए लोगों तक पहुंचकर राजनीति से आगे संकट में साथ खड़े होने और सेवा करने का दावा पेश करना चाहती है। अब कांग्रेस संगठन की तरफ से बीजेपी के अभियान की काट में रणनीतिक योजना जाहिर नहीं हो पाई है लेकिन एकला चलो के अंदाज में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गांव पहुँचने का ऐलान जरूर कर दिया है।

हरदा ने कहा है कि वे जून के पहले और दूसरे हफ्ते में गाँवों में जाकर देखेंगे कि कोरोना ने कितना कहर मचाया है और स्वास्थ्य सुविधाएँ देने के सरकारी दावों की हकीकत क्या है। हरीश रावत ने कहा कि पहली या दूसरी लहर के कमजोर पड़ने या क़ाबू में आने का सवाल नहीं है बल्कि वे जाकर देखेंगे कि संभावित खतरे यानी तीसरी लहर को लेकर सरकार की क्या जमीनी तैयारियाँ हैं। हरदा हरिद्वार जिले के लिब्बरहेड़ी से गांव चलो अभियान का आगाज करेंगे। पढ़िए हुबहू हरदा ने क्या लिखा है सोशल मीडिया पर…

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के फैलाव की स्थिति और कोरोना संक्रमितों के उपचार की व्यवस्थाओं, दवाइयों आदि को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। एक तरफ धारचूला के सीमान्त क्षेत्रों में भी संक्रमित मिल रहे हैं, तो दूसरी तरफ #सरकारी दावे कुछ और तस्वीर पेश कर रहे हैं। मैं, जून के प्रथम और द्धितीय सप्ताह में कुछ गांवों में जाकर स्वयं स्थिति को देखना और गांव वालों से बातचीत करके स्थिति की गम्भीरता का आंकलन करना चाहता हॅू। मैं, हरिद्वार के लिब्बाहेड़ी से प्रारम्भ करूंगा, जहां देहरादून के जौलीग्रान्ट, रेशम माजरी सहित अन्य गांवों में जाऊंगा और उसके बाद पर्वतीय अंचल के कुछ गांवों में जाकर स्थिति का आंकलन करूंगा तो प्रश्न केवल दूसरी लहर के नियंत्रण का नहीं है। प्रश्न यह भी है कि आप और आने वाले संभावित संक्रमण को रोकने के लिये या उसके बचाव के लिये क्या तैयारियां कर रहे हैं, उन तैयारियों को देखना व समझना भी आवश्यक है।

हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री
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