नैनीताल: चौतरफा विरोध के बावजूद टेक होम राशन (THR) योजना की टेंडर प्रक्रिया पर आगे बढ़ रही धामी सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने हंटर चलाते हुए धामी सरकार द्वारा टेक होम राशन योजना को लेकर चलाई जा रही टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। दरअसल न केवल महिला स्वयं सहायता समूह सरकार के फैसले के खिलाफ थे बल्कि विपक्ष भी धामी सरकार को पूर्व की भाँति योजना चलाने को लेकर दबाव बना रहे थे। यहाँ तक कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर टेंडर प्रक्रिया पर आगे न बढ़ने का मशविरा दिया था लेकिन सरकार किसी की सुन नहीं रही थी। अब THR पर टेंडर पर ब्रेक लगाने के लिए हाईकोर्ट को धामी सरकार पर चाबुक चलाना पड़ा है।
नैनीताल हाईकोर्ट ने धामी सरकार के महिला एवम् बाल विकास द्वारा चलाई जा रही टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए तीन हफ़्ते में जवाब माँगा है।
दरअसल हरिद्वार जिले के लिबरहेड़ी के स्वयं सहायता समूह ने याचिका दायर कर धामी सरकार के फ़ैसले को चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई करते जस्टिस शरद कुमार शर्मा की सिंगल बेंच के समक्ष पेश याचिका में आरोप लगाया गया कि सरकार ने जानबूझकर टेंडर ऐसी शर्तें रखी जिन्हें महिला स्वयं सहायता समूह पूरा ही नहीं कर सकते हैं। इस तरह टेंडर किसी ख़ास कंपनी को देने की क़वायद लग रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने महिला समूहों के बढ़ावा देने के लिए उन्हें भी टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा देने लायक़ माहौल/शर्तें रखने की हिदायत दी थी। लेकिन सरकार की टेंडर प्रक्रिया से ऐसा लगता है कि स्वयं सहायता समूहों का अस्तित्व ही मिटाने की रणनीति है।
ज्ञात हो कि हरीश रावत सरकार ने 2014 टेक होम राशन योजना शुरू की थी जिसका मक़सद स्वयं समूहों की मदद से आंगनबाड़ी केन्द्रों में नवजात शिशुओं, कन्याओं तथा अन्य पात्रों को पुष्ट आहार उपलब्ध कराना था। लेकिन धामी सरकार ई टेंडरिंग के बहाने महिला समूहों की जगह किसी कंपनी को यह काम ठेके पर देना चाह रही है।
Less than a minute