देहरादून: तीन कृषि क़ानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दस महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने सोमवार 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है जिसका ख़ासा असर कई राज्यों में दिख रहा है। उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर ओऔर हरिद्वार जिले में भारत बंद का असर दिख रहा है। जबकि पश्चिमी यूपी,दिल्ली, हरियाणा और पंजाब आदि राज्यों में बंद का असर रेल से रोड मार्गों के जाम होने से साफ दिख रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सोमवार सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक बुलाए गए भारत बंद को कांग्रेस, सपा, बसपा, आरजेडी, आम आदमी पार्टी और वामपंथी दलों सहित कई विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिला है। पंजाब और आँध्रप्रदेश सरकार भी बंद का समर्थन कर चुकी हैं।
किसान संगठनों ने बंद के दौरान सभी सरकारी और निजी दफ़्तरों, शैक्षणिक और दूसरे संस्थानों, दुकानों-बाज़ारों और उद्योग-वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को स्वेच्छा से बंद रखने की अपील की है। किसान संगठनों ने दिल्ली की तरफ जाने वाले तमाम राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने की रणनीति बनाई है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे सुबह छह बजे से ठप
अगर आज आप देहरादून से दिल्ली जाने की सोच रहे हैं तो आपको कई जगह हाइवे जाम होने से दिक़्क़तों का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय किसान यूनियन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक बंद करने का ऐलान पहले ही कर चुका है। इतना ही दिल्ली की तरफ जाने वाले अन्य दूसरे मार्गों को भी बंद रखने का ऐलान हो चुका है।
भारत बंद में क्या खुला क्या बंद
किसानों ने आज सभी सरकारी और प्राइवेट दफ़्तरों, शिक्षण संस्थानों, दुकानों, उद्योग और मार्केट बंद रखने की अपील की है। जबकि इमरजेंसी संस्थानों, सेवाओं, अस्पतालों, मेडिकल स्टोर और राहत और बचाव व निजी इमरजेंसी संबंधी लोगों को बंद में आवाजाही की छूट दी गई है।
ज्ञात हो कि 26 नवंबर 2020से किसान तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों इन क़ानूनों को किसान विरोधी और कारपोरेट हितैषी करार देते हुए रद्द करने की मांग कर रहे हैं। बंद से पहले रविवार को कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों को आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाने को कहा।