दिल्ली: Kanhaiya Kumar in Congress जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता रहे कन्हैया कुमार मंगलवार को कॉमरेड से कांग्रेसी बन गए। आज कन्हैया के साथ गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस में शामिल हो गए। दोनों युवा चेहरे जब कांग्रेस का हिस्सा बने उस दौरान राहुल गांधी भी पार्टी मुख्यालय में रहे। हालाँकि नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस प्रधान पद छोड़ने के बाद मचे हड़कंप के चलते राहुल गांधी कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सामने नहीं आए और महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल मीडिया के सामने दोनों युवा नेताओं के साथ उपस्थित हुए। लेकिन इससे पहले राहुल गांधी शहीद ए आज़म भगत सिंह पार्क में कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी के साथ मौजूद रहे।
कांग्रेस में शामिल होने पर कन्हैया कुमार ने कहा,” इस देश में कुछ लोग देश की चिन्तन परंपरा, संस्कृति, मूल्य, वर्तमान और भविष्य खराब करने में लगे हैं। देश की सबसे पुरानी लोकतांत्रिक पार्टी में इसलिए शामिल होना चाहते हैं। कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा।”
वैसे तो कन्हैया कुमार के सीपीआई छोड़कर कांग्रेस में आने से पहले ही खूब बवाल मचना शुरू हो गया था। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कन्हैया की एंट्री से पहले ट्विट के ज़रिए सवाल उठाया,’कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के कांग्रेस में आने की अटकलें चल रही हैं । ऐसे में 1973 में छपी ‘कम्युनिस्ट इन कांग्रेस’ किताब पड़ोसी जानी चाहिए, चीज़ें जितनी बदलती हैं उतनी ही समान लगती हैं। मैने इसे आज फिर पढ़ा है।’ उधर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्विट कर कहा कि सर्जिकल स्टाइक की वर्षगाँठ पर कांग्रेस ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ वाले कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी को स्वीकार कर रही है, भारत के टुकड़े करने वालों के साथ हाथ मिलाना कांग्रेस की आदत है। बावजूद इसके राहुल गांधी ने अपने 16 जुलाई को दिए उस भाषण जिसमें कहा था कि हमें BJP-RSS से बेख़ौफ़ लड़ने वाले कांग्रेस के बाहर मौजूद सभी लोग चाहिए और कांग्रेस के भीतर जो BJP-RSS से खौफ खाते हैं उनको बाहर करने की जरूरत है। साफ है राहुल गांधी अपने तरीके से कांग्रेस में युवा जोश भरने की तरफ बढ़ रहे हैं और राजनीतिक विरोधी बीजेपी तो छोड़िए कई पुराने कांग्रेसी भी इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे।
इसी कड़ी में मंगलवार को राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय में युवा वाम नेता कन्हैया कुमार और गुजरात से निर्दलीय विधायक व दलित चेहरे जिग्नेश मेवाणी को कांग्रेस ज्वाइन कराई है। सवाल है कि क्या कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी के आने से कांग्रेस से एक बाद एक पार्टी छोड़ गए ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रियंका चतुर्वेदी, जितिन प्रसाद और सुष्मिता देव जैसे युवा नेताओं की भरपाई हो पाएगी?