देहरादून: धामी सरकार की ओर से उपनल कार्मिकों के मानदेय में की गई बढोत्तरी के लिये उत्तराखण्ड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ ने सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया है। साथ ही मानदेय में रू0 3000 एवं 2000 की वृद्धि हेतु महासंघ ने सैनिक कल्याण मंत्री एवं समस्त कैबिनेट सहयोगियों का भी आभार प्रकट किया है। लेकिन महासंघ ने मंगलवार की कैबिनेट में भी गोल्डन कार्ड का प्रस्ताव न आने पर गहरी नाराजगी भी जताई है।
महासंघ ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के सभी कार्मिकों, शिक्षकों, पेशनर्स एवं परिवार के आश्रितों की वर्तमान की सबसे ज्वलन्त समस्या के रूप में गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर कर इसका प्रस्ताव मंत्रिमण्डल से पारित कराने को लेकर बार-बार सरकार एवं स्वास्थ्य मंत्री से किये जा रहे अनुरोध के बाद भी अत्यन्त दुखद स्थिति है कि गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। महासंघ ने कहा है कि कर्मचारी, शिक्षकों, पेंशनर्स के प्रतिमाह अंशदान की कटौती से संचालित इस योजना को दुरस्त किये जाने पर कोई गम्भीरता एवं रूचि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं ली जा रही है। निश्चित रूप से यह एक गम्भीर स्थिति है।
इस सम्बन्ध में सचिवालय संघ तथा उत्तराखण्ड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ लगातार सरकार एवं स्वास्थ्य मंत्री से गुहार लगा रहे हैं तथा मुखर होकर इस मुद्दे को उठा रहे हैं। लेकिन अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि गोल्डन कार्ड के ज्वलन्त मुद्दे पर प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम लगाकर स्वास्थ्य मंत्री को उनके झूठे वायदे पर आईना दिखाये जाने का प्रयास किया जाये। मंगलवार को भी मंत्रिमण्डल बैठक में गोल्डन कार्ड जैसा अहम मुद्दा न लाया जाना अत्यन्त हास्यास्पद है। महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि निश्चित रूप से जल्द ही इस मुद्दे पर एक स्वतः स्फूर्त आंदोलन की चिंगारी जलायी जायेगी, जिसका जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग एवं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री होंगे।