देहरादून: राज्य के कार्मिकों, शिक्षकों, पेंशनर्स तथा परिवार के आश्रितों के बेहतर चिकित्सा उपचार के लिये विगत समय से मुखर होकर संघर्ष कर रहे सचिवालय संघ की मुराद गुरुवार को पूरी हो गई। राज्य सरकार के स्तर पर लगातार फरवरी माह से संघर्षरत गोल्डन कार्ड की खामियों को दुरूस्त करने के अहम मुद्दे को संघ ने साकार करा लिया है। लगभग 11 माह से प्रतिमाह कटौती हो रहे अंशदान के अनुरूप गोल्डन कार्ड की खामियों के कारण समुचित उपचार न मिलने से सचिवालय सहित राज्य के समस्त अधिकारी, कार्मिक, पेशनर्स अत्यधिक परेशानियों का सामना कर रहे थे।
सचिवालय संघ लगातार इस मुद्दे पर आवाज उठाता आ रहा था तथा स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत से लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा अन्य सभी सक्षम स्तरों पर लगातार बैठकों में इस अहम मुद्दे को निस्तारित करते हुए गोल्डन कार्ड को सी0जी0एच0एस0 की दरों पर संचालित करने, इसे आयुष्मान योजना से पृथक करने, नई दरों पर चिकित्सालयों को सम्पूर्ण उपचार हेतु सूचीबद्ध करने, निगम/निकाय/महाविद्यालयों आदि राज्य सरकार से अनुदानित संस्थाओं को भी इस योजना से आच्छादित करने, पेशनर्स/NPS कार्मिकों के लिये इस योजना को और अधिक कारगर बनाये जाने के लिये सचिवालय संघ तथा अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ लगातार अपनी बात सरकार के समक्ष रखता आ रहा था।
अन्ततः सरकार के स्तर से गत माह लिये गये निर्णय का अनुपालन अपेक्षित रूप से कर दिये जाने से सचिवालय संघ द्वारा मुखर होकर उठायी जा रही कार्मिक, शिक्षक, पेंशनर्स के चिकित्सा उपचार से जुड़ी यह महत्वपूर्ण मांग आज शासनादेश निर्गत कर दिये जाने के बाद पूर्ण हो गयी है। इस मांग के पूर्ण होने पर सचिवालय संघ के अध्यक्ष तथा उत्तराखण्ड अधिकारी-कार्मिक शिक्षक महासंघ के कार्य0 अध्यक्ष दीपक जोशी द्वारा सम्पूर्ण सचिवालय परिवार, प्रदेश के कार्मिक, शिक्षक, पेंशनर्स वर्ग तथा परिवार के आश्रितों की ओर से मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, समस्त मंत्रियों, सचिव वित्त, चिकित्सा तथा उनकी पूरी टीम का आभार व धन्यवाद ज्ञापित किया है। साथ ही इस मांग के पूर्ण होने पर इसका श्रेय प्रदेश सचिवालय सहित राज्य के समस्त कार्मिक, शिक्षक व पेंशनर्स वर्ग को दिया गया है।