देहरादून: आज उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के वरिष्ठतम विधायक हरबंस कपूर का निधन हो गया है। भाजपा की पहली निर्वाचित सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे कपूर साहब कैंट क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ और सियासी व्यवहार कुशलता व सर्वथा उपलब्धता के चलते सबके प्रिय बनकर रहे।
अपने राजनीतिक जीवन में विधायक हरबंस कपूर ने लगातार आठ बार चुनाव जीतकर साबित किया कि वे न केवल जमीनी पकड़ वाले थे बल्कि अजेय भी थे। वह हरबंस कपूर ही थे जिन्होंने अविभाजित राज्य (उत्तराखंड क्षेत्र) में भाजपा का खाता खोला था। वरिष्ठ विधायक और जनता से जुड़े रहने के कारण वे अपने समर्थकों और क्षेत्रीय जनता में हमेशा पॉपुलर बने रहे।
दरअसल हरबंस कपूर भाजपा के उन वटवृक्षों में से एक रहे जो इस पर्वतीय क्षेत्र में पार्टी की पौध लगातार न केवल उसे सींचते हैं बल्कि आज जिस स्वरूप में है वहाँ तक पहुँचाने में मददगार भी साबित होते हैं। कपूर यूपी के जमाने में देहरादून शहर, फिर राज्य बनने के बाद देहरादून खास से विधायक चुने गए थे। और 2012 और 2017 का चुनाव कपूर ने नई बनी देहरादून कैंट सीट से लड़कर जीता था। उनके जीते जी आठ चुनावों में उनको कोई हरा नहीं पाया।
हरबंस कपूर यूपी सरकार के समय शहरी विकास मंत्री भी रहे। 2007 में दूसरे विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में भाजपा की कांग्रेस को हराकर पहली निर्वाचित सरकार बनी तो हरबंस कपूर विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। हालाँकि 2017 की प्रचंड बहुमत वाली भाजपा सरकार में उनको किसी भी रूप में जगह न मिलने से वे और उनके समर्थकों में नाराजगी भी देखी गई। अब ठीक पाँचवी विधानसभा के चुनाव से पहले वरिष्ठतम विधायक हरबंस कपूर का चला जाना भाजपा के लिए बहुत बड़ा झटका है। भाजपा और प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से लेकर तमाम नेताओं ने शोक जताया है।