देहरादून: सचिवालय सहित विभिन्न विभागों के वेतनमानों को डाउनग्रेड किए जाने की वेतन विसंगति समिति की संस्तुति पर मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय पर पुनर्विचार के लिए शुक्रवार को सचिवालय संघ ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात प्रमुखता के साथ रखी है। संघ डेलीगेशन ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के समक्ष ऐसे तथाकथित आईएएस अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया है, जो लगातार कार्मिक हितों के विपरीत कार्य कर रहे हैं तथा उल्टे-सीधे निर्णय लेकर सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
संघ की ओर से अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से अनुरोध किया गया है कि कर्मचारियों के वेतन व सेवानिवृत्त कार्मिकों की पेंशन कटौती ही राजस्व प्राप्ति का स्रोत नहीं है तथा न ही यह सरकार की आय का कोई स्रोत है। मुख्यमंत्री की ओर से सचिवालय संघ द्वारा किए गए अनुरोध व मांग पर वेतनमान डाउनग्रेड मामले में पुनर्विचार का आश्वासन दिया गया है।
कार्मिक नेता दीपक जोशी ने कहा कि राज्य के मुख्य सेवक के रूप में विराजमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक सुलझे हुए और सभी मामलों को समझने वाले व्यक्तित्व के मुखिया हैं। इसी कारण संघ को उनसे अपेक्षा है कि वे कार्मिक हित में वेतनमान डाउनग्रेड के मसले को जल्द से जल्द सुलझा लेंगे। जोशी ने कहा कि इसके बाद भी अगर राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों द्वारा कार्मिकों के वेतन पर अनावश्यक प्रहार किए जाने की स्थिति उत्पन्न की जाती रही तो ऐसे नौकरशाहों के खिलाफ सचिवालय संघ आंदोलन का बिगुल बजाने हेतु पूर्ण रूप से तैयार व प्रतीक्षारत है। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में वेतनमान डाउनग्रेड की व्यवस्था को स्वीकार नहीं किया जाएगा, चाहे अन्य प्रभावित विभागों व कार्मिक संगठनों को एक फ्रंट पर लाकर ही आन्दोलन क्यों न चलाना पड़े।