
- 15 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास कर सीएम धामी ने टनकपुर दी 36.30 करोड़ की सौगात
- मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सौंपी ‘खुशियों की चाबी’
- मुख्यमंत्री ने किया 20.89 करोड़ रुपये की लागत से खटीमा–मेलाघाट सड़क पुनर्निर्माण कार्यों का शिलान्यास
Khatima: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनपद ऊधम सिंह नगर के खटीमा–मेलाघाट राज्य मार्ग (राज्य मार्ग संख्या 107) के पुनर्निर्माण कार्यों का विधिवत पूजा-अर्चना कर शिलान्यास किया। यह परियोजना ₹2089.74 लाख की लागत से बनाई जाएगी। इसके अंतर्गत 11.50 किलोमीटर लंबी सड़क का पुनर्निर्माण, केसी ड्रेनेज सिस्टम, सड़क सुरक्षा कार्य, रोड साइनएज की स्थापना, तथा टीबीएम एवं बीसी द्वारा सुदृढ़ीकरण कार्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सड़क केवल खटीमा क्षेत्र के विकास की धुरी नहीं है, बल्कि भारत-नेपाल सीमावर्ती संपर्क का भी महत्वपूर्ण मार्ग है। इस सड़क के सुधारीकरण से खटीमा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को न केवल सुगम यातायात सुविधा मिलेगी, बल्कि सीमावर्ती व्यापार, पर्यटन और शिक्षा से जुड़े अवसरों को भी नई दिशा मिलेगी।

उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण कार्यों के साथ-साथ भू-कटाव रोकने और स्थानीय जल निकासी व्यवस्था के सुधार पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि सड़क लंबे समय तक टिकाऊ और सुरक्षित बनी रहे। उन्होंने कहा कि खटीमा अब शिक्षा का हब बन चुका है, जहाँ से प्रदेश ही नहीं बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्यार्थी भी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड का हर क्षेत्र सुगम, सशक्त और समृद्ध बने। विकास की हर परियोजना जनता के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। खटीमा–मेलाघाट सड़क परियोजना भी इसी दृष्टि से एक मील का पत्थर साबित होगी।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “कनेक्टिविटी ही विकास की रीढ़” के संकल्प को आगे बढ़ा रही है। इसी भावना के अनुरूप राज्य के प्रत्येक क्षेत्र में सड़कों का विस्तार और आधुनिकीकरण तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को आगामी दीपावली और अन्य त्योहारों की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि पर्वों के अवसर पर राज्य की सुरक्षा, सौहार्द और स्वच्छता बनाए रखना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।
सीएम ने की पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा स्थित श्री पशुपतिनाथ मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और जनकल्याण की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्रद्धा और आस्था के प्रतीक के रूप में मंदिर में घंटी चढ़ाई।
मुख्यमंत्री धामी के मंदिर पहुँचने पर श्रद्धालुओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। मंदिर परिसर में उपस्थित महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने फूल-मालाओं और जयकारों के साथ मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
श्री पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की आध्यात्मिक धरोहर ही इसकी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने कहा कि हमारा राज्य देवभूमि है। यहाँ के हर मंदिर और हर धाम में लोक आस्था बसती है। इन पवित्र स्थलों के संरक्षण और विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता अटूट है।
मुख्यमंत्री ने खटीमा में किया 215 ऊँचे तिरंगे का लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कंजाबाग तिराहा खटीमा में मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत कार्यदायी संस्था लघु सिंचाई विभाग द्वारा 47.42 लाख की लागत से स्थापित किए गए 215 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज का विधिवत पूजा अर्चना कर फीता काटकर व ध्वजारोहण कर लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रीय ध्वज केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि हमारे देश की एकता, अखंडता और शौर्य का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह ध्वज यहां खड़ा होगा और हर नागरिक को देशभक्ति की भावना से प्रेरित करेगा।
इस अवसर पर लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु सोलर प्रदर्शनी भी लगाकर किसानों व जनता को योजना की विस्तृत जानकारियां भी दी गई।

टनकपुर को मिली 36.30 करोड़ की विकास सौगात


- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया 15 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास
- मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सौंपी ‘खुशियों की चाबी’
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को क्रीड़ा स्थल छीनीगोठ, टनकपुर में आयोजित “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव” कार्यक्रम के दौरान टनकपुर में नवनिर्मित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय भवन सहित कुल 15 महत्त्वपूर्ण विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने टनकपुर में आयोजित कार्यक्रम में कुल ₹3630.89 लाख (लगभग ₹36.30 करोड़) की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इन योजनाओं का उद्देश्य शिक्षा, पेयजल, कानून व्यवस्था, पर्यटन और कल्याण जैसे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मज़बूत करना और जनता को सुगम सुविधाएँ उपलब्ध कराना है।
- 09 योजनाओं का लोकार्पण — ₹938.33 लाख की लागत से
- मुख्यमंत्री धामी ने विभिन्न विभागों की कुल 09 विकास योजनाओं का लोकार्पण किया
टनकपुर में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय भवन का लोकार्पण – प्रांतीय खंड, लोक निर्माण विभाग, चंपावत द्वारा निर्मित ₹45.00 लाख की लागत से बने इस भवन में आधुनिक व्यवस्था स्थापित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह कैंप कार्यालय केवल एक प्रशासनिक भवन नहीं, बल्कि जनता की समस्याओं का समाधान केंद्र बनेगा। इससे स्थानीय जनता और प्रशासन के बीच संवाद और समन्वय और अधिक सुदृढ़ होगा।”
इसके साथ साथ राजकीय प्राथमिक विद्यालय फागपुर एवं जूनियर हाई स्कूल फागपुर को स्मार्ट कक्षाओं में परिवर्तित कर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया (₹76.40 लाख)।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय भजनपुर के भवन का पुनर्निर्माण (₹74.50 लाख)।
डेविड पेंटर स्कूल, गुदमी में दो कक्षा-कक्षों का निर्माण (₹16.00 लाख)।
भैंसियाखाल पंपिंग पेयजल योजना (₹136.77 लाख)।
बिचाई पंपिंग पेयजल योजना (₹182.61 लाख)।
कोतवाली टनकपुर परिसर में सिटी कंट्रोल रूम की स्थापना एवं यातायात व्यवस्था के सुधार हेतु उपकरण व सामग्री की आपूर्ति (₹239.05 लाख)।
पर्यटक आवास गृह, टनकपुर के अवशेष कक्ष एवं हॉल का उच्चीकरण (₹68.00 लाख)।
एनएचपीसी बनबसा द्वारा टनकपुर पावर स्टेशन मुख्य गेट से पाटनी तिराहा, बनबसा तक सड़क की मरम्मत (₹100.00 लाख)।
6 योजनाओं का शिलान्यास — ₹2692.56 लाख की लागत से
मुख्यमंत्री धामी ने 06 महत्त्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास भी किया।
ब्रिडकुल हल्द्वानी द्वारा राजकीय महाविद्यालय टनकपुर में परीक्षा हॉल का निर्माण (₹826.99 लाख)।
जल संस्थान द्वारा लादीगाड़ श्री पूर्णागिरी पंपिंग पेयजल योजना (₹811.70 लाख)।
ठुलीगाड़/बाबलीगाड़ पंपिंग पेयजल योजना (₹712.87 लाख)।
ग्राम खिरद्वारी में बुक्सा एवं राजी जनजाति के लिए बहुउद्देशीय भवन का निर्माण (₹60.00 लाख)।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बनबसा में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट की स्थापना (₹50.00 लाख)।
एनएचपीसी बनबसा द्वारा माँ पूर्णागिरि धाम आने वाले यात्रियों के लिए ग्राम चुका, टनकपुर में शेड निर्माण (₹231.00 लाख)।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “इन योजनाओं के पूर्ण होने से टनकपुर क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास को नई दिशा मिलेगी। यह निवेश सीमांत क्षेत्र के सर्वांगीण उत्थान का आधार बनेगा।”
मुख्यमंत्री ने सौंपी ‘खुशियों की चाबी’


मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान रीप परियोजना के अंतर्गत प्रेरणा स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को 5 ई-रिक्शा की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने स्वयं महिला समूह की प्रतिनिधियों को ई-रिक्शा की ‘खुशियों की चाबियाँ’ सौंपते हुए कहा कि यह पहल महिलाओं की आर्थिक स्वावलंबन और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक नई शुरुआत है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “यह ई-रिक्शा केवल एक वाहन नहीं, बल्कि महिलाओं की आत्मनिर्भरता और गरिमा की नई पहचान है। इसके माध्यम से महिलाएं न केवल बेहतर आय अर्जित करेंगी, बल्कि सार्वजनिक परिवहन जैसे पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएंगी।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य महिलाओं को ‘सहायता प्राप्तकर्ता’ नहीं, बल्कि ‘सशक्त उद्यमी’ के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों को सामूहिक रूप से इस प्रकार के उद्यम स्थापित करने के लिए हर संभव वित्तीय, तकनीकी और प्रशिक्षण सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भरता के साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर सकें।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रकार के प्रयास न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएंगे, बल्कि “नारी शक्ति को नये अवसरों और सम्मान से जोड़ने का माध्यम बनेंगे।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘सशक्त बहना उत्सव’ में महिलाओं को किया प्रोत्साहित: कहा, “महिलाएँ बनें आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की अग्रदूत”*
महिलाओं के साथ मट्ठा निर्माण, ऐंपण कला, सोल्डरिंग, धान कूटने और लौह उत्पाद निर्माण में सहभागिता
नारी: शक्ति, मुस्कान और प्रदेश की सफलता” — मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर के छीनीगोठ में आयोजित “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव” में प्रतिभाग कर महिलाओं के आत्मविश्वास, उद्यमशीलता और पारंपरिक कौशल का उत्सव मनाया।
कार्यक्रम में पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बेटियों के उत्साह को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा,“महिलाओं की भागीदारी से ही ‘विकसित उत्तराखण्ड’ का सपना साकार होगा। राज्य सरकार महिलाओं को केवल सहयोग नहीं दे रही, बल्कि उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
मुख्यमंत्री धामी ने उत्सव स्थल पर लगे विभिन्न लाइव स्टालों का अवलोकन किया और महिलाओं के श्रम व कौशल को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया। उन्होंने न केवल प्रदर्शनी देखी, बल्कि महिलाओं की गतिविधियों में स्वयं भाग लेकर उन्हें प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री धामी ने एक स्टाल पर जाकर महिलाओं के साथ पारंपरिक तरीके से मट्ठा बनाने की प्रक्रिया में भाग लिया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक खाद्य पदार्थ हमारी संस्कृति और स्वास्थ्य दोनों से जुड़े हैं, इन्हें आधुनिक रूप में बाजार से जोड़ना समय की मांग है।
इलेक्ट्रिक कार्यों में संलग्न महिलाओं के स्टाल पर पहुँचकर मुख्यमंत्री ने महिलाओं के साथ दीपावली की लाइटों की सोल्डरिंग करते हुए “लोकल फॉर वोकल” के मंत्र को साकार रूप दिया। उन्होंने कहा कि “महिलाएँ अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक और उद्यमी बन रही हैं — यही आत्मनिर्भर भारत की असली तस्वीर है।” मुख्यमंत्री ने दीपावली पर महिलाओं द्वारा निर्मित अधिक से अधिक उत्पाद खरीदने का आह्वान किया।
*मुख्यमंत्री ने कृषि आधारित गतिविधियों की सराहना करते हुए महिलाओं के साथ ओखल में धान कूटने की प्रक्रिया में भी सहयोग किया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कृषि पद्धतियाँ और हस्तनिर्मित खाद्य पदार्थ आज स्वास्थ्य, पर्यटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से सीधे जुड़ रहे हैं। उन्होंने इस दिशा में महिलाओं के योगदान को प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया*।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लिया और महिला समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तराखण्ड के हर जिले में ऐसे उत्सवों के माध्यम से महिलाओं के उत्पादों को मार्केट लिंक उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित ‘महालक्ष्मी किट’ का वितरण लाभार्थी महिलाओं को किया। इसके पश्चात् उन्होंने बच्चों को अपने हाथों से बाल भोग खिलाया और उनसे आत्मीय बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि “हर बच्चा स्वस्थ और शिक्षित हो — यही सशक्त समाज की पहली शर्त है।” उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और सहायिकाओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वे जमीनी स्तर पर पोषण अभियान और प्रारंभिक शिक्षा को सफल बनाने की सबसे मजबूत कड़ी हैं।
महिलाओं द्वारा संचालित लौह उद्योग स्टाल पर मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं चरखा चलाया, भट्टी गर्म की और लौह उत्पाद निर्माण की प्रक्रिया में सहभागिता की । उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र भी महिलाओं की तकनीकी दक्षता और आत्मनिर्भरता का उदाहरण बन सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिला समूहों को सामूहिक उद्यमों, उत्पाद निर्माण, परिवहन सेवाओं और हस्तशिल्प क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के लिए हर संभव वित्तीय, तकनीकी और विपणन सहयोग प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि “महिलाओं के सशक्तिकरण से ही राज्य सशक्त होगा। जब बहनें आत्मनिर्भर होंगी, तभी उत्तराखण्ड आत्मनिर्भर बनेगा।”

सीएम धामी ने कहा,“नारी तू शक्ति है, नारी तू सृष्टि की मुस्कान है; जब नारी सशक्त होगी, तभी उत्तराखण्ड समृद्ध होगा।” उन्होंने सभी लोगों को दीपावली पर्व की अग्रिम शुभकामनाएँ देते हुए कहा,“महिलाएँ लक्ष्मी स्वरूपा हैं, उनके सशक्त होने से परिवार, समाज और राष्ट्र सब सशक्त होते हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नारी तू नारायणी’ मंत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मातृशक्ति के कल्याण हेतु निरंतर कार्यरत हैं। उज्ज्वला, जन धन, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास, बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ तथा नारी शक्ति वंदन अधिनियम जैसी योजनाओं से महिलाओं को सशक्त बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 70 हजार स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 5 लाख से अधिक महिलाएँ स्वरोजगार से जुड़ी हैं, जिनमें 1.65 लाख ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं के लिए सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण लागू कर चुकी है तथा समान नागरिक संहिता लागू कर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा का ऐतिहासिक कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं, माताओं और बहनों के सम्मान, सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए पूर्णतः समर्पित है। उन्होंने मातृशक्ति से आह्वान किया कि वे ‘लोकल फॉर वोकल’ के मंत्र को जन आंदोलन बनाकर आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण में सहभागी बनें।
