देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर तीर्थ-पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के विरोध के आगे झुकना ही बेहतर समझा है। सीएम धामी ने ऐलान कर दिया है कि सरकार बोर्ड में संशोधन और पुनर्विचार को लेकर हाईपॉवर कमेटी गठित करेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी की ये घोषणा लंबे समय से चारों धामों पर आंदोलन कर रहे तीर्थ-पुरोहितों और हक-हकूकधारियों के लिए जितनी राहत भरी है, उससे कहीं ज्यादा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को जोर का झटका धीरे से देने वाली है।
अभी दो दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री टीएसआर ने श्राइन बोर्ड/देवस्थानम बोर्ड से देशभर में किस मंदिर और किस ट्रस्ट को कितना मुनाफ़ा हुआ है इसका आंकड़ा बड़े जोश के साथ जेब से मोबाइल निकालकर पढ़-पढ़कर सुनाया था। मंगलवार-बुधवार को भी गढ़वाल दौरे में देवस्थानम बोर्ड की कमियाँ पूछी और आंदोलन कर रहे तीर्थ-पुरोहितों को विरोध के लिए विरोध करने वाले चंद लोग करार दिया।
लेकिन अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुनर्विचार और हाईपॉवर कमेटी के गठन का ऐलान कर त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा पूछे जा रहे तमाम सवालों और बोर्ड की तारीफ़ों के पुल बाँधने के सिलसिले का दो टूक जवाब दे दिया है। जवाब यह कि चुनाव से छह-आठ महीने पहले सरेंडर मोड में आकर सरकार हाईपॉवर कमेटी बना रही है तो चुनाव जैसे जैसे करीब आएंगे सरकार इस मुद्दे पर कहां खड़ी होगी पूर्व सीएम टीएसआर अपनी सरकार के ऐतिहासिक कदम का इतिहास और हस्र कहां खड़े होकर देख रहे होंगे। वैसे विचार इस पर भी तो करिएगा कि एक ही दल की सरकार में एक कदम कल तक ऐतिहासिक करार दिया जाता रहा और आज इतिहास बनने की कगार पर पहुंचना शुरू हो गया है।
अब जान लीजिए सीएम धामी की घोषणा और उस पर तीर्थ-पुरोहितों ने क्या-क्या कहा है।
बुधवार को उत्तरकाशी में बादल फटने की आपदा के प्रभावितों से मिलने पहुँचे मुख्यमंत्री धामी वे गंगोत्री-यमुनोत्री की धरती पर कहा कि राज्य सरकार की मंशा मंदिरों का सिस्टम अपने हाथ में लेने की नहीं है बल्कि सहयोग कर बेहतर इंतजामात करने की है। सीएम धामी ने कहा है कि लोगों के संशय हैं उनको दूर करने के लिए हाईपॉवर कमेटी बनाई जाएगी।
हालाँकि आंदोलनरत तीर्थ-पुरोहितों ने सीएम धामी की घोषणा का स्वागत किया है लेकिन ठोस और कारगर पहल न होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है। चारधाम तीर्थ-पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत प्रवक्ता बृजेश सती ने याद दिलाया कि पुनर्विचार की घोषणा पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी की थी लेकिन हुआ कुछ नहीं। जबकि गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने सीएम धामी की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार के लिए हाईपॉवर कमेटी गठित होने के बाद वह आंदोलन खत्म कर देंगे।