- जनता दरबार जिससे टीएसआर एक तौबा किए रहे अब सीएम तीरथ लगातार जनता के बीच जा रहे
- विधायकों की नब्ज टटोली जा रही ताकि किसी की नाराजगी न रहे
- उपचुनाव से पहले माहौल फ़ेवरेबल बनाने की कसरत तेज
देहरादून: गुरुवार को मीडिया ने सीएम तीरथ रावत से पूछा कि आप उपचुनाव कहां से लड़ेंगे? इस पर सीएम ने कहा मुझे मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री शाह और अध्यक्ष नड्डा ने बनाया है लिहाजा केन्द्रीय नेतृत्व ही तय करेगा मुझे चुनाव कहां से लड़ना है। अब ये तो रही रिपोर्टरों के सवाल पर सीएम तीरथ सिंह रावत की एक सधी हुई सी प्रतिक्रिया लेकिन चुनाव तो उनको लड़ना है और उपचुनाव पर मचे संवैधानिक संकट के ग़ुब्बारे की हवा भी The News Adda की रिपोर्टिंग के बाद निकल चुकी। अब बात अंदरखाने जो चल रहा उस पर की जाए।
इस वक्त दो विधानसभा सीट गंगोत्री और हल्द्वानी खाली हैं जहां मुख्यमंत्री के लिए उपचुनाव कराए जा सकते हैं। साथ ही बकौल, बीजेपी संगठन छह विधायकों ने और लिखकर दिया है कि मुख्यमंत्री के लिए वे अपनी सीट क़ुर्बान करने को तैयार हैं। लेकिन हकीकत ये है कि बीजेपी प्रदेश नेतृत्व और टीम तीरथ अभी गंगोत्री सीट पर ही फोकस कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि संगठन गंगोत्री सीट पर सीएम तीरथ के ताल ठोकने की व्यूह रचना बनाने में जुट गया है। जबकि टीम तीरथ अभी गंगोत्री को लेकर सामने से मिलने वाली चुनौती और पर्दे के पीछे से होने वाली गोलबंदी के हर एंगल पर मंथन कर रही है। संभव है तीन दिवसीय रामनगर चिन्तन में पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के साथ इस पर फाइनल बात हो जाए।
दरअसल गंगोत्री में कांग्रेस पिथौरागढ़ फ़ॉर्मूला अपनाएगी जहां म्यूख महर पीछे हट गए थे तो क्या गंगोत्री में चंद महीनों के लिए पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण मोर्चा लेंगे? हालाँकि सीएम लड़ेंगे तो वे लड़ेंगे का मैसेज आ गया है लेकिन अभी और देखना होगा कांग्रेसी रणनीति को। इसके अलावा आप के चेहरे कर्नल अजय कोठियाल फैक्टर को भी बीजेपी और खासकर टीम तीरथ नजरअंदाज नहीं करना चाहेगी।
इसके अलावा चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर तीर्थ-पुरोहितों का लंबा खिंचता आंदोलन भी बीजेपी थिंकटैंक के लिए संकट का सबब हो सकता है।
इसके अलावा सीएम की सीट पर मुहर लगाते ये भी देखा जाएगा कि बाइस बैटल में उनकी चुनावी मोर्चाबंदी उसी सीट से होगी या कुछ अदला-बदली होगी।