- देहरादून में प्रदेश अध्यक्ष कौशिक लगातार महाराज,हरक, आर्य और चुफाल से बातचीत और बैठकें करते रहे, प्रभारी भी रहे एक्टिव
- दिल्ली से हालात पर लगातार शनिवार को ऑब्ज़र्वर बनकर आए कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर नजर बनाए थे
- पहले सतपाल महाराज पहुँचे यशपाल आर्य के आवास फिर महाराज के आवास पर हरक-आर्य और महाराज में मंत्रणा
- एकबारगी हालात बेक़ाबू होते दिखे और रविवार को सिर्फ सीएम की शपथ कराने पर अड़े असंतुष्ट
- फिर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आया फ़ोन और आर्य, महाराज, हरक से वार्ता और गुस्सा शांत
देहरादून: उत्तराखंड के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ले ली। राजभवन में राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने धामी को मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री के बाद नंबर दो पर मंत्री के रूप सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, बिशन सिंह चुफाल, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, रेखा आर्य और स्वामी यतीश्वरानंद ने शपथ ली।
हालाँकि एकबारगी दो बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने से नाराज महाराज और असंतुष्ट विधायकों ने टकराव के संकेत दिए थे। लेकिन प्रदेश स्तर पर डैमेज कंट्रोल में जुटे प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और प्रभारी दुष्यंत गौतम ने असंतुष्टोें से वार्ता जारी रखी। और उसके बाद केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक फोन कॉल ने सबको पार्टी अनुशासन के तहत आलाकमान के फैसले को खुशी-खुशी स्वीकारने का संदेश दे दिया।
दरअसल शनिवार 3 जुलाई को जैसे ही पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता चुना गया, उसके बाद बीजेपी कार्यालय में ही सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत के हाव-भाव और बॉडी लैंग्वेज आहत मन के संकेत देने लगी थी। शनिवार रात्रि में बिशन सिंह चुफाल ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को अपना दर्द-ए- हाल सुनाया तो रविवार सुबह आहत हरक सिंह रावत की कौशिक से वार्ता हुई।
महाराज को दिल्ली बुलाने से लेकर अमित शाह को रात्रि में ही फोन आने जैसी अफ़वाहे उड़ने लेकिन देहरादून में ही कोपभवन में चल गए महाराज सुबह यशपाल आर्य के आवास पहुँचे। फ़िर महाराज के आवास पर उनकी हरक सिंह और आर्य के साथ गुप्त मंत्रणा चली। बाहर ये मैसेज ज़रूर दौड़ता रहा कि आज शपथ नहीं लेंगे लेकिन इंतजार आलाकमान से ग़ुबार निकलने को एक अदद फोन कॉल के इंतजार का हो रहा था और शपथ ग्रहण का वक्त आ चुका था।
फिर गृहमंत्री अमित शाह ने फोन किया और तीनों नेताओं की नाराजगी देखते ही देखते दूर हो गई। असर ऐसा था कि राजभवन शपथ लेने पहुँचने वालों में सतपाल महाराज चंद सबसे पहले पहुँचने वाले मंत्रियों में शुमार थे।