देहरादून: पिछले हफ्ते धामी सरकार में काबिना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की दिल्ली मे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की तस्वीर आई, तो अगले दिन दूसरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काबिना मंत्री यशपाल आर्य के आवास पहुंचकर उनके साथ ब्रेकफ़ास्ट करते नजर आए। जाहिर है बीजेपी ने इसे सामान्य शिष्टाचार मुलाक़ातें करार दिया लेकिन क्या यह किसी के गले उतर पाएगा कि सामान्य शिष्टाचार मुलाकात करने हरक सिंह रावत गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंच गए! या फिर अचानक मुख्यमंत्री धामी अपने कैबिनेट सहयोगी के आवास नाश्ता करने पहुंच गए!
जाहिर है यह किसी को भी हज़म नहीं होगा बल्कि इन तस्वीरों ने उन चर्चाओं को और मजबूत कर दिया जिसके तहत यह माना जा रहा कि बीजेपी में ‘ऑल इज नॉट वेल’ खासकर कांग्रेसी गोत्र के कुछ नेताओं को लेकर तो इसे पुख़्ता तौर पर कहा ही जा सकता है। हरक सिंह रावत मुखर होकर एक के बाद एक मौक़ों पर अपनी नाराजगी का इज़हार करते आ रहे हैं और रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ मामले में भी अपने तेवर वह दिखा चुके हैं। आर्य भी कई मुद्दों पर नाराज हैं इसकी बानगी बेहतर तालमेल वाले अधिकारियों के न मिल पाने से टीएसआर राज से आज तक कई बार दिख चुकी है। लेकिन ताजा मामला ऐसा क्या हुआ कि आर्य को मनाने सुबह सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके आवास पहुंच गए, सियासी गलियारे में यह प्रश्न कईयों का दिमाग मथ रहा है।
इन सबसे इतर प्रदेश के पॉवर कॉरिडोर में एक और चर्चा तेजी से फैल रही है और वह है बीजेपी के भीतर एक असंतुष्ट नेता की कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात! जाहिर है वह नेता कांग्रेस गोत्र वाला भाजपाई नेता ही ठहरा लेकिन जब यह दावा किया जा रहा है कि अमित शाह से मिलने के बाद हरक सिंह रावत की नाराजगी दूर हो गई है और सीएम के साथ ब्रेकफ़ास्ट डिप्लोमेसी के बाद अब यशपाल आर्य की भी शाह से मुलाकात होने वाली है. उसके बाद आर्य की रही सही नाराजगी भी दूर हो जाएगी। सवाल है कि जब बीजेपी नेतृत्व इतना त्वरित ढंग से सभी असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी दूर कर रहा तो वह नाराज नेता कौन ठहरा जो सोनिया गांधी तक से मिलकर आ चुका है! उम्मीद है इसका जवाब दीवाली से पहले-पहले मिल पाएगा।