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सावधान! इस नंबर से आईएएस बनकर मांगें पैसे! प्रमुख सचिव सुंदरम बने शिकार, शिकायत  

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Cyber fraud through WhatsApp: सावधान! अगर किसी आईएएस अधिकारी की ह्वाट्सऐप प्रोफाइल फोटो लगे ह्वाट्सऐप नंबर से आपसे रुपये ट्रांसफर करने की रिक्वेस्ट आती है तो भूलकर भी ना करें ये गलती! गलती, पैसे ट्रांसफर करने की क्योंकि आप हैं साइबर ठगों के निशाने पर और किसी हाई प्रोफाइल आईएएस अधिकारी की ह्वाट्सऐप पर प्रोफाइल फोटो लगाकर आपके साथ फ्रॉड करने की कोशिश की जा रही है। 

भूमिका को बिना और लंबा खींचे सीधे मुद्दे पर आते हैं कि आख़िर किस अधिकारी के नाम पर इंटरनेशनल साइबर अपराधियों ने लोगों को चूना लगाने की कोशिश की है। दरअसल, उत्तराखंड शासन में ऊर्जा विभाग सहित इंफ्रा विकास से संबंधित महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे  प्रमुख सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने देहरादून एसएसपी को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है कि व्हाट्सएप प्रोफाइल पर उनकी फोटो लगाकर साइबर ठग लोगों और अफसरों से उनके नाम पर रुपये ट्रांसफर करने की रिक्वेस्ट भेज रहे हैं। 

देहरादून के एसएसपी अजय सिंह को लिखे इस शिकायती पत्र में प्रमुख सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया है कि उनके फोटो का प्रोफाइल फोटो के रूप में इस्तेमाल कर कुछ नंबर्स से रुपये ट्रांसफर करने की रिक्वेस्ट भेजी जा रही हैं। WhatsApp नंबर +84 812986500 की प्रोफाइल पर प्रमुख सचिव सुंदरम का फोटो लगाकर कई व्यक्तियों/ अधिकारियों से Google Pay नंबर 8974517706 पर पैसा ट्रांसफर करने को कहा जा रहा है।  डॉ सुंदरम ने एसएसपी को शिकायत में आशंका जताई है कि इस तरह के कृत्य के माध्यम से उनकी छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है। 

प्रमुख सचिव ने एसएसपी के सामने यह तथ्य भी रखा है कि पूर्व में भी उनके नाम का सहारा लेकर विभागीय अधिकारियों से पैसे मांगे गए थे। सुंदरम ने आरोप लगाया कि पिछले साल 28 मार्च को भी इसी तरह के साइबर फ्रॉड को शिकायत की गई थी लेकिन उस शिकायत पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। साफ़ है यह अपने आप में बड़ी चिंताजनक बात है कि एक आईएएस और प्रमुख सचिव स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी भी अगर साइबर ठगों के निशाने पर है और पुलिस एक्शन नज़र नहीं आ रहा है तो यह पुलिस की कार्य प्रणाली को कटघरे में खड़ा करता है।

 प्रमुख सचिव सुंदरम ने पुलिस को लिखें पत्र में फ़ोटो लगाकर ह्वाट्सऐप पर फ्रॉड करने वालों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की साइबर ठगी की पुनरावृत्ति ना हो। पुलिस कार्यवाही के बाद रिपोर्ट भी माँगी गई है।

डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम ने 28 मार्च 2024 को की गई शिकायत को भी आज के पत्र के साथ लगाया है। सवाल है कि क्या जो काम उत्तराखंड पुलिस पिछले साल मार्च में नहीं कर पाई तो क्या इस बार इन इंटरनेशनल साइबर ठगों को ठिकाने लगाया जाएगा। 

सवाल है कि क्या WhatsApp साइबर ठगी का सबसे आसान ज़रिया बनता जा रहा है? WhatsApp को पहले कंज्यूमर्स के फ़ोन में जासूसी करने को लेकर कोसा गया था और अब एक के बाद एक साइबर ठगों के निशाने पर  आया हुआ है जिसकी कीमत आम से लेकर ख़ास यानी हरेक को चुकानी पड़ रही है। एक सवाल यह भी कि +84 से शुरू होकर आने वाले ह्वाट्सऐप मेसेज का संबंध वियतनाम से है और क्या साइबर ठगी का सिंडिकेट देश के किसी राज्य से ऑपरेट किया जा रहा है या फिर वियतनाम या किसी दूसरी जगह से लोगों को शिकार बनाने के लिए टारगेट किया जा रहा है? 

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