Delhi News (Udaipur Kanhaiyalal Murder Case): राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की बर्बर हत्या के बाद इस आतंकी घटना के तार पाकिस्तान और 26/11 के मुंबई हमले से जुड़े होने को लेकर रिपोर्ट आ रही हैं। देश में इस तालिबानी घटना के बाद लोगों में उबाल है और हत्यारों को जल्द से जल्द फाँसी देने की मांग उठ रही हैं। इसी बीच केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान का इस विवाद को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने कहा है कि देश में मदरसों में 5,6,7 साल के बच्चों को ऐसी मज़हबी शिक्षा पढ़ाई जाती है जिसके परिणाम ख़तरनाक हैं।
उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की हुई बर्बर हत्या और उसके बाद हत्यारों द्वारा बनाए गए वीडियो पर सवाल खड़े करते हुए राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने कहा कि वो (हत्यारे) मुस्कुरा रहे थे और फिल्म बना रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सब शर्मनाक तो है ही वारदात जघन्य अपराध भी है। राज्यपाल ने कहा कि 2008 में पहली बार उन्होंने मदरसों की शिक्षा को लेकर देवबंद को पत्र लिखा था जिसका आज तक जवाब नहीं आया।
केरल राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान ने कहा कि मदरसों में 5,6,7 साल के बच्चों के ऐसी तालीम दी जाती है जिसके परिणाम ख़तरनाक हैं। उन्होंने कहा कि मदरसों में पढ़ाया जाता है कि कहीं भी कुफ़्र होगा तो ऐसे शख़्स के सजा देने का अधिकार है। दूसरी बात यह पढ़ाई जाती है कि गैर-मुस्लिम इसलिए पैदा हुए हैं कि मुसलमान उन पर शासन कर सकें। तीसरी बात यह पढ़ाई जाती है कि जो हुकूमत हमारी मर्ज़ी से न हो उस शासन को जल्द से जल्द पलटना चाहिए।
राज्यपाल खान ने कहा कि यूनाइटेड नेशन की घोषणा जिस पर अधिकांश देशों की सहमति है कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह की स्पेशलाइज्ड एजुकेशन नहीं दी जानी चाहिए। लेकिन मदरसों में इसके उलट 5,6,7 साल के बच्चों के दिमाग में अगर यही भरा जायेगा कि जो शासन बिना मर्ज़ी का उसे पलट देंगे, ऐसी शिक्षा की फ़ैक्ट्रियों पर अधिक चिन्ता की दरकार है।
इससे पहले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान कह चुके हैं कि मदरसों में बच्चोे को ईशनिंदा करने वालों की सर क़लम करना सिखाया जाता है। वे लगातार मदरसों को इस धार्मिक उन्माद की जड़ करार दे रहे हैं।