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उत्तराखंड बेरोजगार संघ का आरोप: प्रशासन दोहरे मापदंड अपनाकर बेरोजगारों को गांधीवादी तरीके से सत्याग्रह करने से रोक रहा, अब बनाई ये रणनीति

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देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन के उनके अधिकार का हनन किया है। संघ ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि गुरुवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने गांधी पार्क देहरादून में गांधीवादी तरीके से सत्याग्रह शुरू करना चाहा लेकिन उत्तराखंड शासन-प्रशासन ने लोकतांत्रिक व्यवस्था में आंदोलन की आजादी के अधिकार की धज्जियां उड़ाई गई।

संघ ने आरोप लगाया है कि प्रशासन द्वारा गांधी पार्क के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर गेट के दोनों छोर पर धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित क्षेत्र लिखे बैनर लगा दिए और उत्तराखंड बेरोजगार संघ को सत्याग्रह करने से रोक दिया गया। इसके बाद उत्तराखंड बेरोजगार संघ द्वारा गांधी पार्क के अंदर अपनी एक बैठक की गई।

इस बैठक में तमाम बेरोजगारों ने आरोप लगाते हुए कहा कि शासन प्रशासन द्वारा धरना प्रदर्शनों को लेकर दोहरी नीति अपनाई जा रही है। बेरोजगार संघ ने कहा कि राजनैतिक दलों और राजनैतिक दलों द्वारा पोषित संगठनों को अलग नियम कानून और उत्तराखंड बेरोजगार संघ के लिए अलग कानून लागू किए जा रहे हैं।

संगठन के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि तानाशाही रवैए को अपनाकर बेरोजगारों की आवाज को नहीं दबाया जा सकता है और हम कल भी अपनी मांगों पर अडिग थे आज भी हैं। बॉबी पंवार ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि धरना स्थल के लिए उचित स्थान ना मिलने तक शुक्रवार से एकता विहार देहरादून में आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।

साथ ही समय समय पर अनेक रणनीतियों के तहत आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। इस दौरान बेरोजगार संघ से सुरेश सिंह, सुशील कैंतुरा, सचिन खन्ना, अनिल नेगी, मुकेश, अनिल, रमेश चौहान, हरिओम भट्ट, नितिन दत्त, मोहन कैंतुरा, लुशुन टोडरिया, संदीप चौहान, कृष्णा प्रसाद आदि लोग उपस्थित थे।

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