- चंपावत उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने निर्मला गहतोड़ी को बनाया अपना उम्मीदवार
- सीएम पुष्कर सिंह धामी वर्सेस निर्मला गहतोड़ी होगी उपचुनाव की जंग
- प्रत्याशी के ऐलान से पहले जोत सिंह बिष्ट ने पार्टी छोड़ पंक्चर की कांग्रेस की तैयारी
देहरादून: लगातार दूसरा विधानसभा चुनाव हार चुकी उत्तराखंड कांग्रेस की हालत कैसी होगी इसे लेकर बहुत खोजबीन या अध्ययन करने की दरकार नहीं है बल्कि गाहे-बगाहे पार्टी नेताओं के रंग-ढंग मीटिंग-बैठकों से लेकर सोशल मीडिया के जरिए सामने आते हैं, उससे ‘बीमार’ का हाल कैसा है इसका एक्सरे आसानी से आँखों के सामने आ जाता है। चंपावत में 31 मई को उपचुनाव की वोटिंग है, इधर भाजपा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उम्मीदवारी का औपचारिक ऐलान कर दिया है, उधर उपचुनाव कुमाऊं क्षेत्र की सीट पर होना है और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नौ मई तक गढ़वाल के अपने दौरे पर व्यस्त हैं। धामी को उम्मीदवार बनाने के बाद कांग्रेस ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष निर्मला गहतोड़ी को टिकट देकर महिला कार्ड खेला है। यानी 20 साल से चम्पावत सीट पर कांग्रेसी झंडा बुलंद कर रहे पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल मुकाबले से पीछे हट गए हैं। इसी के साथ जंग कैसी होगी इसका इशारा साफ हो जाता है।
लेकिन इससे पहले की कांग्रेस अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान करती पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और धनौल्टी से चुनाव लड़कर हार गए जोत सिंह बिष्ट ने सोशल मीडिया में पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। यानी चुनावी हार के बाद रार थमी नहीं है और उपचुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की तैयारियों की पोल खुल गई है। चम्पावत में पार्टी काडर को उपचुनाव तक कांग्रेस कैसे थामे रखती है यह देखना भी दिलचस्प होगा क्योंकि टूट और सेंधमारी की खबरें उधर से भी आ रही हैं।
चुनावी राजनीति में भले जोत सिंह बिष्ट विघानसभा चुनाव न जीत पाए हों लेकिन अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कई सांगठनिक ज़िम्मेदारियां वे संभालते रहे हैं। जोत सिंह बिष्ट को पूर्व सीएम हरीश रावत का करीबी भी माना जाता है और धनौल्टी से टिकट मिलने के बावजूद उनका पार्टी छोड़ना और नेताओं पर अन्तर्कलह और गुटबंदी के आरोप हवाई नहीं बल्कि वज़न रखते हैं। सवाल है कि क्या जोत सिंह के रास्ते कुछ और कांग्रेसी अब नाराजगी की तोहमत लगाकर पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं? सवाल यह भी है क्या हरदा की उपेक्षा हो रही है? क्या करन माहरा और हरीश रावत में सियासी पटरी नहीं बैठ पा रही है?
अब निर्मला गहतोड़ी के जरिए कांग्रेस ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को चुनौती देने की ठानी है, देखना होगा उपचुनाव की जंग को नतीजे क्या रहते हैं। जीत और सम्मान की लड़ाई में चंपावत कौन जीत पाता है तीन जून का इंतजार रहेगा।
मा0 सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी, श्री हरीश रावत, श्री यशपाल आर्य जी, श्री करण महरा जी, श्री प्रीतम सिंह चौहान जी एवं उत्तराखंड कांग्रेस के सभी वरिष्ठ/कनिष्ठ सहयोगी साथियों के संज्ञानार्थ!आप सबके स्नेह एवं सहयोग से मैंने अपने राजनीतिक जीवन के 40 वर्षों का सफर तय किया है। आज आप सभी साथियों को अत्यंत दुःखी मन से सूचित कर रहा हूँ कि कांग्रेस पार्टी में लंबे समय से चल रहे अंतर्कलह, अनुशासन हीनता, निष्ठावान कार्यकर्ताओं की अनदेखी व एक तरफा फैसलों के चलते पार्टी का भविष्य अनिश्चितता की ओर जा रहा है। नेतृत्व की पांत में बैठे लोग लगातार हार के बाद भी सबक लेने के बजाय व्यक्तिगत हितों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसमें मुझे अब दूर दूर तक सुधार की कोई गुंजाइश नहीं दिखाई देती है, इसलिए किसी पर किसी प्रकार का व्यक्तिगत आरोप न लगाकर तथा कोई व्यक्तिगत दुर्भावना रखे बिना मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूँ। मेरी कार्यशैली की वजह से मुझे पसंद या नापसंद करने वाले आप सभी साथियों का आभार प्रकट करता हूँ। फैसला लेते हुए मन बहुत आहत है। बातें तो बहुत हैं लेकिन अब ज्यादा लिखना सम्भव नहीं है।आप सभी का हार्दिक धन्यवाद। बाबा केदार सबकी रक्षा करें।
जोत सिंह बिष्ट