Covid in China: वुहान से कोरोना वायरस दुनियाभर में फैसले पर चीन लगातार दो साल से झूठ बोलता आ रहा है, अपने देश में कोरोना के आंकड़ों को लेकर भी वह कभी सच सामने नहीं आने देता है। एक बार फिर जब ओमिक्रोन का सब वेरिएंट BF.7 कहर बनकर टूट रहा तब फिर चीन रोज मिल रहे नए कोरोना मरीजों और मौतों को लेकर सच छिपा रहा है।
लगातार सामने आ रही इंटरनेशनल रिपोर्ट्स बता रही हैं कि चीन में कोरोना के कहर ने हालात बद से बदतर बना दिए हैं। अब लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने दावा किया है कि चीन में रोजाना 10 लाख नए पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं और 24 घंटे में 5000 मौतें हो रही हैं। दावा किया गया है कि अगर कोरोना इसी रफ्तार से संक्रमण फैलाता रहा तो जनवरी तक चीन में डेली केस बढ़कर 37 लाख पर पहुंच जाएंगे और मार्च में ये डेली केस का आंकड़ा 42 लाख हो जाएगा।
हालांकि इस दावे के उलट चीनी सरकार अपने पुराने ढर्रे पर कायम रहते भारी तबाही के बावजूद कोरोना के डेली आंकड़े न के बराबर बता रही है। चीन सरकार का कहना है कि गुरुवार को मात्र 4000 नए मरीज मिले। ज्ञात हो कि चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी खत्म कर दो साल में पहली बार ढील दी हैं तो देश में कोरोना का कहर टूट पड़ा है।
कुछ एक्सपर्ट दावा कर रहे कि चीन की कोरोना विरोधी दवा बेअसर साबित हुई है,लगातार दो साल से घरों में कैद लोगों की इम्यूनिटी ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BF.7 के सामने कमजोर पड़ती दिख रही है। एयरफिनिटी ने अनुमान दिया था कि जब चीन जीरो कोविड पॉलिसी खत्म करेगा तब देश में 21 लाख मौतें हो सकती हैं।
हालात इस अनुमान के मुताबिक भयानक नजर आ भी रहे हैं। चीन के अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं और लोगों को घरों में ही रहकर उपचार को कहा जा रहा है। श्मशानों में वेटिंग चल रही और सामूहिक अंतिम संस्कार की जा रहे हैं। चीन अपने बॉर्डर भी सील करने लगा है। म्यांमार और रूस से लगे अपने बॉर्डर वह सील कर रहा है। चीन में अगले हफ्ते तक कोरोना लहर का पीक आ सकता है।
इस बीच WHO ने चिंता जताई है कि चीन नए कोरोना मरीजों का कोई आंकड़ा नहीं दे रहा है। कहा गया है कि चीन नए पॉजिटिव मामलों की गिनती ही नहीं कर रहा है।
जबकि जापान 8वीं लहर से जूझ रहा है और ऑमिक्रोन वैरिएंट बच्चों को भी निशाना बना रहा है। जापान टाइम्स के मुताबिक आठ महीनों में 41 बच्चों की मौत हो चुकी है।
अगर भारत की बात करें तो चीन,जापान के बिगड़ते हालात देखकर देश अलर्ट पर है। पीएम मोदी गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक कर मास्क और जरूरी एहतियात बरतने का मैसेज दे चुके हैं। आज हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मांडविया राज्यों के हेल्थ मिनिस्टर्स के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा करेंगे।
राज्यों ने एहतियात बरतने शुरू कर दिए हैं।
दिल्ली एम्स में मस्क जरूरी है। यूपी में भीड़ भाड़ की जगह मस्क लगाना होगा। मुंबई,केरल,कर्नाटक, बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड में सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए भीड़ भाड़ और इंडोर जगहों पर मास्क लगाने को कहा है। उत्तराखंड सरकार ने आज से बूस्टर डोज अभियान शुरू कर दिया है।
भारत के लिए राहत की बात यह है कि यहां लोगों को ऑमिक्रोन के BF.7 सब वैरिएंट से घबराने को जरूरत नहीं है क्योंकि यह वैरिएंट उन्हीं लोगों को चपेट में ले सकता है जिनकी इम्यूनिटी वैक्सीन से बनी हो। देश में दो फीसदी लोग ही हैं जिनकी इम्यूनिटी वैक्सीन से बनी है बाकी सभी की नेचुरल इम्यूनिटी है। लिहाजा उनको घबराने की जरूरत नहीं। दरअसल यह कहा है आईआईटी कानपुर के प्रो मनींद्र अग्रवाल ने।
प्रो अग्रवाल ने कहा है कि भारत में 98 फीसदी लोगों की नेचुरल इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है लिहाजा किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है। उनके अनुसार देश में फिलहाल किसी तरह की कोविड लहर का खतरा नहीं है। बस लोग सतर्क रहें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में न हिचकें।
Covid protocol guidelines जानिए विदेशी यात्रियों के लिए गाइडलाइन में क्या-क्या है?
भारत सरकार ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए गाइडलाइन जारी दी है। इसके तहत वैक्सीनेशन से लेकर टेस्टिंग तक के निर्देश दिए गए हैं।
- जो भी अंतरराष्ट्रीय यात्री भारत आ रहे हैं, उनका उस देश में वैक्सीनेशन जरूरी।
अगर आप यात्रा कर रहे हैं तो आपको सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग जरूरी है। - साथ ही ट्रैवल और सभी एंट्री प्वाइंट्स पर एयरलाइंस को इन चीजों का ध्यान रखना होगा।
- यात्रा के दौरान किसी में भी कोरोना के लक्षण पाए जाने पर उसे स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत आईसोलेट किया जाएगा।
साथ ही मास्क पहनना जरूरी होगा और दूसरे यात्रियों से अलग किया जाएगा। - यात्रियों की डी-बोर्डिंग के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा।
- एयरपोर्ट पर उतरने के बाद यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। एंट्री प्वाइंट्स पर स्वास्थ्य अधिकारियों की तैनाती हो।
- ऐसे यात्री जिनकी स्क्रीनिंग के दौरान लक्षण दिखेंगे उन्हें तुरंत आईसोलेट किया जाएगा। फिर मेडिकल फैसिलिटी में प्रोटोकॉल के तहत ले जाया जाएगा।
- अगर स्क्रीनिंग के दौरान किसी भी यात्री में लक्षण पाए गए तो उसे तुरंत आइसोलेट कर नजदीकी मेडिकल फेसिलिटी में ले जाएं।
- फ्लाइट में कुल पैसेंजर की संख्या के दो फीसदी यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग की जाए। एयरपोर्ट पर टेस्टिंग को लेकर पूरी व्यवस्था होगी।
अगर टेस्टिंग के बाद किसी भी यात्री का सैंपल पॉजिटिव पाया गया तो उसे जल्द से जल्द INSACOG लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए।