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उत्तराखंड में भी होगा मदरसों का सर्वे, 500 से ज्यादा अनरजिस्टर्ड मदरसे चल रहे: वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब की मुहिम पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मुहर

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Survey of Madarsas in Uttarakhand, CM Dhami says many complaints of irregularities, Uttarakhand Madarsa Board: अब उत्तराखंड में भी यूपी की तर्ज पर सभी मदरसों का सर्वे किया जाएगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बड़ा बयान देते हुए कहा कि यूपी की तरह उत्तराखंड में भी मदरसों का सर्वे किया जाएगा क्योंकि उत्तराखंड में भी मदरसों के कामकाज, गतिविधियों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हों। सीएम ने कहा कि इन शिकायतों को सरकार गंभीरता से ले रही है और इसी दृष्टि से राज्य के सभी मदरसों का सर्वे किया जा रहा है।

जाहिर है मंगलवार को मुख्यमंत्री में हाल में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष बने शादाब शम्स की मुहिम पर मुहर लगा दी है। शादाब शम्स ने कहा था कि उत्तराखंड में गैर पंजीकृत मदरसों की उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पहले जांच कराएंगे और जो गलत गतिविधियों में संलिप्त पाए गए और जो पंजीकृत नहीं होना चाहते उनको बंद कराया जाएगा। शम्स ने कहा था कि मदरसों में भी विज्ञान और मैथ्स जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे ताकि इनको मुख्यधारा में लाया जा सके। अब मुख्यमंत्री धामी ने इस मुहिम को अपने समर्थन के जरिए नई ताकत दे दी है।


ज्ञात हो कि शादाब शम्स हाल में निर्विरोध उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चुने हुए हैं और बोर्ड का जिम्मा संभालते ही शम्स ने वक्फ की जमीनों पर अवैध कब्जे हटाने और मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने का बड़ा बयान दिया था। THE NEWS ADDA से बातचीत में शादाब शम्स ने कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपंजीकृत मदरसों को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तर्ज पर सर्वे कराने की गुजारिश की है। शम्स का कहना है कि सर्वे के जरिए उन मदरसों की पहचान करना चाहते हैं, जो उत्तराखंड मदरसा बोर्ड (UMB) या इस्लामी शिक्षा संस्थानों के नियामक निकाय से संबद्ध नहीं हैं।

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड चेयरमैन बनने के बाद शादव शम्स ने दावा किया कि नया बोर्ड मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा के साथ एकीकृत करने की योजना पर काम कर रहा है। इसका मतलब मदरसा शिक्षा प्रणाली में मैथ्स और साइंस जैसे विषयों को शामिल करना है। शम्स ने कहा कि उत्तराखंड में मदरसे अब मैथ्स, साइंस, हिंदी और इंग्लिश जैसे मुख्यधारा के सब्जेक्ट्स अपने पाठयक्रम में शामिल करेंगे। उन्होंने कहा कि मदरसे अच्छे स्कूलों के तौर पर दिखने लगेंगे जहां स्मार्ट क्लासेज और तमाम मॉडर्न एजुएकेशन सिस्टम प्रयोग में लाए जाएंगे।

दरअसल, वक्फ बोर्ड और उत्तराखंड मदरसा बोर्ड राज्य निकाय हैं और मदरसों को ये दो निकाय ही नियंत्रित करते हैं। शादाब शम्स ने कहा है कि यूपी सरकार की तर्ज पर हम उत्तराखंड में चल रहे मदरसों का एक सर्वे करेंगे जिसमें मदरसा बोर्ड या वक्फ बोर्ड के साथ-साथ मदरसे से संबद्ध लोग भी शामिल होंगे, जो दोनों सरकारी निकायों में से किसी के साथ पंजीकृत नहीं हैं। शम्स का तर्क है कि सर्वे का मकसद उत्तराखंड में चल रहे अपंजीकृत (Unregistered Madarsas) मदरसों का एक डेटाबेस तैयार करना है और यह पता लगाना है कि वे बोर्ड के साथ पंजीकृत क्यों नहीं हैं और क्या रजिस्टर्ड होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रैक्टिस का उद्देश्य सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों की पहचान करना भी है, जिन्हें अपग्रेड करने की जरूरत है।’

इससे पहले धामी सरकार सरकार से सहायता प्राप्त मदरसों को राज्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होने या फिर एक्शन झेलने को तैयार रहने की चेतावनी दे चुकी है। सीएम धामी के सख्त संदेश के बाद शादाब शम्स ने भी दोहराया कि अगर राज्य में मस्जिदों और मदरसों में गैरकानूनी गतिविधियों पर रोकथाम के लिए कैमरे भी लगाए जाएंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का अनुमान है कि राज्य में इस समय 522 पंजीकृत मदरसे (उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के साथ 519 और वक्फ बोर्ड के साथ 103) हैं, जबकि लगभग इतनी ही तादाद में मदरसे अपंजीकृत हैं।

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