देहरादून: 2022 की चुनावी बिसात को लेकर बीजेपी पर बढ़त को आतुर कांग्रेस इलेक्शन मोड में आ चुकी है। प्रभारी देवेन्द्र यादव लगातार उत्तराखंड कैंप कर सूबाई खेमेबाज़ों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं ही, नेताओं के एक-एक बयान की मॉनिटरिंग की जा रही है। शुक्रवार को पार्टी ने जन आकांक्षाओं के अनुरूप अपना चुनाव घोषणापत्र बनाने के लिए एक टोल फ्री नंबर जारी कर जनता के सुझाव, विचार और स्थानीय मुद्दों पर मशविरा मांगा है।
पार्टी ने टोल फ्री नंबर के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्ल, जैसे व्हाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर और ई-मेल के जरिए भी सुझाव माँगे हैं। पार्टी बेरोज़गारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर तो ख़ासा फोकस कर ही रही है लेकिन जनता के स्थानीय मुद्दों को भी घोषणापत्र में जगह देने की वचनबद्धता दर्शायी है।
कांग्रेस इसे महज चुनावी घोषणापत्र भर न कहकर प्रतिज्ञा पत्र करार दे रही है।
अब कांग्रेस आलाकमान ने टिकटें फाइनल करने की तरफ कदम बढ़ा दिया है। कांग्रेस आलाकमान ने चुनावी राज्य उत्तराखंड के लिए स्क्रीनिंग कमेटी यानी छानबीन समिति का गठन कर दिया है। अविनाश पांडे को उत्तराखंड की स्क्रीनिंग कमेटी की कमान सौंपी गई है। जबकि उनके साथ अजय कुमार, वीरेन्द्र सिंह राठौर, प्रभारी देवेन्द्र यादव,पीसीसी चीफ गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व सीएम हरीश रावत को शामिल किया गया है। दरअसल चुनाव से पहले टिकटार्थियों की मारा-मारी के बीच स्क्रीनिंग कमेटी एक-एक सीट पर कई-कई नामों की फ़िल्टरिंग कर दो-तीन-चार नामों तक का पैनल बनाकर कांग्रेस की केन्द्रीय चुनाव समिति को भेजती है जहां प्रत्याशी के नाम पर फाइनल डिसिजन होता है।
जाहिर है पांच साल से विपक्ष में बैठी कांग्रेस के सामने कई सीटों पर टिकटार्थियों की भारी भीड़ है और पार्टी के लिए उम्मीदवार तय करते नाराजगी और बगावत को थामने की कठिन चुनौती होगी। ऐसे में स्क्रीनिंग कमेटी की भूमिका बेहद अहम होने जा रही है।