न्यूज़ 360

धामी ने कल अफसरों को दिया सख्ती का संदेश, आज आ गई सहकारी बैंक में अफसरों-नेताओं के फोर्थ क्लास नौकरियों में चहेतों को नियुक्ति देने की खबर, ‘नायक’ को मिल गया भ्रष्टाचारियों को नापने का मौका

Share now

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पुष्कर सिंह धामी की दोबारा ताजपोशी के बाद पहला प्रकरण आया दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर और सीनियर फिज़िशियन डॉ निधि उनियाल बनाम हेल्थ सेक्रेटरी पंकज कुमार पांडे के बीच विवाद के रूप में। डॉ पांडेय ने पत्नी की शान में ओपीडी छोड़कर घर बुलाई गई डॉ निधि उनियाल से गुस्ताफी (हेल्थ सेक्रेटरी की नजर में) हुई तो सजा अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में उनका तबादला कर दे डाली। हालाँकि वजह बताई गई कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में एक एसोसिएट प्रोफेसर की सख्त दरकार है वो भी जनहित में।


लेकिन नौकरशाही की हनक का नया ढिंढोरा पिटा तो करीब 24 घंटे बाद जागे स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री का दरवाजा खटखटाया और मुख्यमंत्री ने डॉ निधि का तबादला निरस्त कर एसीएस मनीषा पंवार की अगुआई में जांच बिठा दी। अब एक, तो अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में तत्काल एसोसिएस प्रोफेसर की सख्त जरूरत का क्या हुआ? ( जो पत्नी से ग़ुस्ताख़ी होने के चंद घंटे में हेल्थ सेक्रेटरी को सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज की स्थिति याद आई और एक एसोसिएट प्रोफेसर संबंद्ध कर डाला था)

दूसरा, जब हेल्थ सेक्रेटरी के नाते स्वास्थ्य महकमे के सर्वेसर्वा बनकर पंकज कुमार पांडेय क़ाबिज़ रहेंगे तो भला कौनसी जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा? या फिर मुख्यमंत्री धामी ने जांच बिठाने से पहले ही तय कर लिया कि मामले में लीपापोती ही होगी? खैर असल सच्चाई तभी पता चलेगी जब जांच रिपोर्ट आएगी।

अब IAS पंकज कुमार पांडेय प्रकरण से हुई फजीहत पर पर्दा डालने को मुख्यमंत्री की हेडलाइन मैनेजमेंट टीम ने ‘न चैन से सोऊँगा न अधिकारियों को चैन से सोने दूँगा’ वाला नैरेटिव पेश करा दिया है। वैसे प्रदेश की जनता तो चाहती भी है कि पुष्कर सिंह धामी युवा मुख्यमंत्री हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने पांच माह की बजाय पांच साल सरकार की नुमाइंदी देकर ‘नायक’ फिल्म के नायक अनिल कपूर की तर्ज पर कुछ बेहतर कर दिखाने का गोल्डन चांस दिया है, लिहाजा वे जमीन पर कुछ करके भी दिखाएँ। संभवतया जनता की इन्हीं उम्मीदों पर खरा उतरने को ही मुख्यमंत्री ने सोमवार को ‘न चैन से सोऊँगा न अधिकारियों को चैन से सोने दूँगा’ वाला डायलॉग मारा हो!

लीजिए, उधर मुख्यमंत्री ने यह डायलॉग मारा और इधर सूबे की ‘कलाकार’ नौकरशाही ने ‘नेता-नगरी’ के साथ मिलकर मुख्यमंत्री को ‘नायक’ बनने का स्वर्णिम अवसर प्रदान कर दिया। ये स्वर्णिम अवसर हिन्दुस्तान दैनिक की इस खबर को पढ़कर आप बखूबी समझ सकते हैं।

साभार: हिन्दुस्तान

भले ही NH 74 मुआवज़ा घोटाले में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ पांच साल पहले ‘धर्मयुद्ध’ का नारा बुलंद करने के बावजूद ‘घोटाले के घड़ियाल’ छोड़िए ‘चुहिया’ को भी क़ैद कराने में त्रिवेंद्र सिंह रावत नाकाम साबित हुए हों, लेकिन प्रधानमंत्री की कृपा से हार कर भी दोबारा सीएम पद पर क़ाबिज़ हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास इतिहास रचने का बड़ा अवसर है।

पिछली सरकार में विपक्ष ने उनकी छवि ‘खनन प्रिय मुख्यमंत्री’ की ऐसी गढ़ी की पूरे प्रदेश में मोदी लहर पर सवार होकर भाजपा प्रचंड बहुमत से जीत गई लेकिन खटीमा में खुद धामी और हरिद्वार ग्रामीण में सबसे करीबी स्वामी बुरी तरह शिकस्त खा गए। टीम धामी के दो ध्रुव एक किच्छा तो दूसरा लक्सर में चित हो गया। लेकिन अब सहकारी बैंक भर्ती घोटाले के आरोपियों को नापकर धामी नए अध्याय का आगाज कर सकते हैं।

हिन्दुस्तान अखबार की खबर के मुताबिक़ अधिकारियों ने नेताओं के साथ मिलकर चतुर्थ श्रेणी की भर्तियों में भी अपने रिश्तेदार चयनित करा डाले। इस कीचड़ को साफ कर सीएम धामी अपनी धुआंधार बैटिंग का संकेत दे सकते हैं। लेकिन

बड़ा सवाल क्या मुख्यमंत्री धामी ऐसा कर पाएंगे?

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!