जिला पुस्तकालय का ‘मेकओवर‘ लोगों को भाया: जानिए कैसे एक ज़िलाधिकारी की कोशिश पाठकों के ज़ेहन में भर रही रंग

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  • जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के प्रयासों से जिला पुस्तकालय की बदहाली हुई दूर, अपने आकर्षक डिजायन से लुभा रहा लोगों को
  • जिलाधिकारी ने 20 शिक्षकों की ड्यूटी लगाकर 50 हजार पुस्तकों को विषयवार किया सुव्यवस्थित

उत्तरकाशी (पंकज कुशवाल): उत्तरकाशी जनपद का जिला पुस्तकालय। बीते सालों में ज़्यादातर लोगों को इस पुस्तकालय की राह तक का पता नहीं था लेकिन इन दिनों यह पुस्तकालय लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। टपकती छत, न क़ायदे से बैठने की व्यवस्था जैसी कई ख़ामियों के चलते शहर के बीचों बीच स्थित होने के बावजूद लोगों की आंखों से ओझल ही रहा जिला पुस्तकालय। लेकिन इस पुस्तकालय की सुध ली है जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने। अब यह पुस्तकालय अपने पचास हजार किताबों के जखीरे से ज्यादा अपने आकर्षक डिजायन के कारण लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है।


जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बेहद बदहाल हालत में पहुंच चुके जिला पुस्तकालय को सँवारने का कोशिश शुरू की तो आज नतीजा यह है कि यह पुस्तकालय अपनी किताबों और आकर्षक डिजायन के कारण लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर बुला रहा है। सोशल मीडिया पर शानदार ग्रेफिटी और मरम्मत के बाद इस रूप में दिख रहे जिला पुस्तकालय ने खूब वाहवाही लूटी है।
बीते कई सालों से बेहद बदहाल हालत में जिला पुस्तकालय की सुध नहीं ली जा रही थी। यहां सैकड़ों किताबें तो थी लेकिन टपकती छत और खराब व्यवस्थाओं के चलते न तो इन पुस्तकों का फायदा छात्रों को मिल पा रहा था न ही इस भवन की हालत ऐसी थी कि यहां कुछ पल बैठकर कोई मनपसंद की किताब पढ़ी जाए। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जब जिला पुस्तकालय का निरीक्षण किया तो इस पुस्तकालय की हालत देखकर इन्होंने इसे दुरूस्त करने के निर्देश दिए।

इसके लिए जिलाधिकारी ने करीब 13 लाख रूपये की धनराशि भी स्वीकृत की। ग्रामीण निर्माण विभाग की ओर से इस बदहाल भवन की मरम्मत का काम किया गया तो जिलाधिकारी ने 20 शिक्षकों की स्पेशल ड्यूटी लगाकर पुस्तकालय में मौजूद 50 हजार पुस्तकों को विषयवार छंटनी करवाकर व्यवस्थित तरीके से लगवाया। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करने वाले छात्रों और बच्चों के लिए भी किताबें खरीदी गई।


ग्रामीण निर्माण विभाग ने जिला पुस्तकालय को आकर्षक रूप देने के लिए उत्तरकाशी में मशहूर ग्रेफिटी डिजायनर मुकूल बडोनी को यह जिम्मा सौंपा। पुस्तकालय की मौजूदा हालत आप तस्वीरों में देख सकते हैं। शहर के बीचों बीच स्थित जिला पुस्तकालय के बारे में अब तक ज्यादातर लोगों को भी पता नहीं था लेकिन इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं। किताबों से न सही लेकिन अपने आकर्षक लुक से जिला पुस्तकालय लोगों को अपनी ओर खींच रहा है। और जाहिर बात है पुस्तकालय की ओर खिंचे चले आते कदम फिर किसी कोने में अपनी पसंदीदा किताब के सहारे ख़्यालों की दुनिया में सुस्ताते नजर आएंगे।


(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)


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