CM DHAMI Big Action on Corruption: उत्तराखंड वन विभाग से रिटायर्ड प्रमुख वन संरक्षक Dr RBS Rawat और विवादों का साथ बनता बिछड़ता रहा लेकिन कांग्रेस से लेकर भाजपा तक सत्ता के केन्द्र में सीधी पहुंच के दाम पर आरबीएस रावत को मौके बेमौके बड़े बड़े ओहदे मिलते रहे। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग बना तो उसके पहले अध्यक्ष बन गए। एक के बाद कई भर्ती परीक्षाओं में नकल माफिया, ओएमआर शीट से छेड़छाड़ और धांधली के आरोप लगे तो नैतिकता का लबादा ओढ़ डॉ आरबीएस रावत इस्तीफा देकर साफ बच निकले और उल्टे ईमानदारी का चोला अलग से पहन लिया कि नाहक आयोग में रहने से मेरी छवि खराब हो रही थी। यह दौर था हरदा सरकार यानी कांग्रेस राज का।
तब आरबीएस रावत ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक आंदोलन शुरू करेंगे। हालांकि गुजरे सालों में उनका अभियान कहीं दिखा नहीं। अलबत्ता कुर्सी जुगाड़ में वे हर दिन लगे रहे। मौका आया जब TSR 1 मुख्यमंत्री की कुर्सी से हाथ धो बैठे और सत्ता पर काबिज हो गए जनरल बीसी खंडूरी के राजनीतिक शिष्य तीरथ सिंह रावत यानी TSR 2, तो Dr RBS Rawat सक्रिय हो गए। तीरथ के मुख्यमंत्री बनते ही Dr RBS Rawat ने चांस पर डांस करने की सोची और मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते के चंद दिनों बाद ही तीरथ सिंह रावत ने आरबीएस रावत को अपना प्रमुख सलाहकार बनाकर फिर से पावर सेंटर में स्थापित करा दिया।
यह अलग बात है कि आरबीएस रावत की उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चेयरमैन के तौर पर भूमिका संदेह के घेरे में थी और लगातार सवाल उठ रहे थे। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (VPDO) भर्ती परीक्षा में धांधली के गंभीर आरोपों के बाद जब 2016 में 9 मई को RBS Rawat ने इस्तीफा दे दिया तो तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने लगभग छह माह बाद जाकर उनका इस्तीफा मंजूर किया था और एस राजू को नया चेयरमैन बनाया गया था। सवाल तो नैतिकता का वही नकाब ओढ़ इस्तीफा देकर घर जा छिपे एस राजू पर भी बहुत हैं उम्मीद करिए जल्द वे भी एसटीएफ के शिकंजे में होंगे।
अब अगर आपको याद हो तो 2016 में UKSSSC आयोग के अध्यक्ष रहते Dr RBS Rawat ने 196 पदों पर ऐसी परीक्षा कराई कि उधमसिंहनगर के एक गांव के 20 उम्मीदवार पास हो गए थे। दो सगे भाई पास कर गए थे और इस परीक्षा के टॉपर को 10वीं से 12वीं तक जाने में दो नहीं पूरे चार साल लगे लेकिन रिजल्ट आया तो वह इस परीक्षा का टॉपर था।
VPDO परीक्षा कराने को लेकर चेयरमैन रावत इतनी जल्दी में थे कि छह मार्च को परीक्षा कराई और 26 को रिजल्ट घोषित। आरोप लगे कि रिजल्ट से पहले दो हफ्ते ओएमआर शीट को गुप्त स्थान पर रखकर छेड़छाड़ की गई थी। बाद ने हाई कोर्ट का डंडा चला और परीक्षा निरस्त होकर दोबारा हुई तो पहली बार पास हुए 196 में अधिकतर फेल हुए कुछेक को छोड़कर।
ज्ञात हो कि जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परीक्षा में नकल माफिया की कमर तोड़ने का अभियान चलाया और एसटीएफ ने UKSSSC स्नातक स्तरीय पेपर लीक कांड में ताबड़तोड़ आरोपियों को दबोचना शुरू किया तो आयोग के ही पूर्व सदस्य दीवान सिंह भैंसोड़ा ने सीएम धामी को पत्र लिखकर वीपीडीओ 2016 भर्ती परीक्षा का जिन्न बोतल से बाहर निकाल आरबीएस रावत जैसे लोगों की भूमिका की पड़ताल कर उनको सही जगह भेजने की मांग की और अब देखिए सीएम पुष्कर सिंह धामी का डंडा रिटायर्ड पीसीसीएफ आरबीएस रावत सहित तीन बिग शॉट्स पर चल गया है।
2022 के विधानसभा चुनाव में प्रचार करने आए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी फ्लावर नहीं फायर हैं। रिटायर्ड IFS पूर्व PCCF Dr RBS Rawat पर हाथ डालकर संभवतया सीएम धामी राजनाथ सिंह की कही बात को चरितार्थ करते दिखना चाह रहे हैं।
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देहरादून: राज्य में भर्ती परीक्षाओं में हुई धाँधलियों पर मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी के जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत का पालन करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ़ ने बड़ी कार्रवाई की है।
UKSSSC द्वारा 2016 में कराई गई वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जाँच में आज आरबीएस रावत, पूर्व चेयरमैन, सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
यह भर्ती परीक्षा प्रकरण में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है । 2016 के मामले में लंबे समय से जाँच चल रही थी लेकिन मुख्यमन्त्री के कड़े रुख़ के बाद जाँच एजेंसियों ने भी तेज़ी दिखाई। मुख्यमंत्री धामी पिछले कई अवसरों पर बार बार कह रहे हैं कि वो अपने युवा भाई बहनों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे, सरकारी नौकरियों की भर्ती में भ्रष्टाचार का जो दीमक लगा है उसे वे जड़ से मिटा देंगे।
इस क्रम में वीपीडीओ भर्ती में 6 वर्ष बाद विधिसम्मत कार्रवाई कर सीएम धामी ने एक बड़ी लकीर खींच दी है।
मुख्यमंत्री धामी ने एसटीएफ की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि जाँच एजेंसियां पूरी निष्पक्षता से अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक़ मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएँ स्वच्छ और पारदर्शी हो। आज की कार्रवाई इस बात की मिसाल है कि भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके।
क्रमवार विवरण
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा दिनांक 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई
उक्त परीक्षा 6 मार्च 2016 को समस्त 13 जनपदों के 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित की गई थी
उक्त परीक्षा में कुल 87196 परीक्षार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिया गया था
30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था
उक्त परीक्षा में धांधली के मद्देनजर विभिन्न शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति वर्ष 2017 में गठित की गई थी
जांच समिति द्वारा प्रेषित आख्या के आधार पर सम्यक विचारोंप्रांत , एवं माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में उक्त परीक्षा में अनियमितताओं की पुष्टि होने के कारण उक्त परीक्षा परिणाम को निरस्त किया गया
वर्ष 2019 में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के निर्देशानुसार उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं के संबंध में जांच सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून को प्राप्त हुई
वर्ष 2020 में सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून द्वारा खुली जांच में पुष्टि होने पर उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं की पुष्टि होने पर सतर्कता अधिष्ठान देहरादून में मुकदमाअपराध संख्या 01/20 धारा 420/468/467/120B ipc व धारा 13 (1) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोग शासन की अनुमति उपरांत पंजीकृत कराया गया
अभियोग पंजीकृत होने के बाद वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक उक्त प्रकरण की विवेचना सतर्कता अधिष्ठान देहरादून द्वारा की जा रही थी
वर्ष 2022 माह अगस्त में माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार उक्त प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित हुई।
एसटीएफ द्वारा विवेचना को आगे बढ़ाते हुए साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गई
पूर्व में जांच कमेटी द्वारा उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को FSL भेजा गया था एवं FSL से उक्त OMR शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी।
विवेचना के दौरान यह भी पाया गया कि उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग / फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था।
विवेचना के दौरान अभी तक दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए गए हैं और उनके बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए।
विवेचना के दौरान कई अहम गवाहों के बयान न्यायालय में भी कराए जा चुके हैं जो केस की अहम साक्ष्य है।
विवेचना के दौरान पूर्व में तीन अभियुक्त 1 मुकेश कुमार शर्मा 2 मुकेश कुमार 3 राजेश पाल को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है
एसटीएफ द्वारा पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर आज दिनांक 8 अक्टूबर 2022 को
1 तत्कालीन अध्यक्ष UKSSSC डॉ रघुवीर सिंह रावत पुत्र स्वर्गीय दुर्गा सिंह रावत निवासी 188/1ऑफिसर सोसायटी वसंत विहार देहरादून
2 तत्कालीन सचिव UKSSSC मनोहर सिंह कन्याल पुत्र प्रताप सिंह कन्याल निवासी वन 169/2 वन विहार शिमला बायपास देहरादून
वर्तमान पद- सँयुक्त सचिव लेखा सचिवालय देहरादून
3 तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक UKSSSC राजेंद्र सिंह पोखरिया पुत्र स्वर्गीय श्री प्रेम सिंह पोखरिया निवासी 1/29
कृष्ण पुरम माजरी माफी आईआईपी मोहकमपुर देहरादून को पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है और माननीय न्यायालय में पेश किया जा रहा है।