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फ़्री पॉलिटिक्स पर ज़ुबानी करंट: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को दिखाया आईना

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श्रीनगर: जैसे-जैसे 2022 की बैटल क़रीब आ रही है, सियासी दल मुद्दों को धार और आकार देने के लिए ताकत झोंकने लगे हैं। ऐसा लगता है 2022 के चुनाव में एक बड़ा मुद्दा फ्री बिजली भी रहने वाला है। खासतौर पर आम आदमी पार्टी पहाड़ पॉलिटिक्स में अपने दिल्ली मॉडल को यहां पेश कर माहौल बनाने में जुट गई है। अब केजरीवाल की काट में नया-नया ऊर्जा विभाग पाए कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत एक कदम आगे निकले और AAP के पत्ता खोलने से पहले ही 100 यूनिट बिजली मुफ़्त देने का ऐलान कर गए।

इसके बाद दिल्ली सीएम और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल अपने पहले चुनावी देवभूमि दौरे में 300 यूनिट फ़्री बिजली, पुराने बिल माफ़ और किसानों को फ़्री बिजली की तीन गारंटी थमा गए हैं। अब आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर केजरीवाल की फ़्री बिजली के वादे का गारंटी कार्ड भरकर दे रहे हैं। इसके बाद पूर्व हरीश रावत भी कहां पीछे रहने वाले थे और कांग्रेस सत्ता में आई त 400 यूनिट तक फ़्री बिजली कैसे दी जाएगी इसका गणित समझाने लगे।

अब फ़्री बिजली के बहाने सूबे की सियासी फ़िज़ाओं में हिलोरे मारते फ़्री पॉलिटिक्स के गुब्बारे में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मौजूदा वक़्त की हक़ीक़त की सुई चुभो दी है। कुमाऊँ दौरे के बाद आजकल गढ़वाल घूम रहे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखंड अभी 1000 करोड़ रु की बिजली बाहर से ख़रीद रहा है और अगर बिजली मुफ़्त में दी जाने लगी तो ये फ़्री कॉस्ट की क़ीमत राज्य की आर्थिक सेहत को चुकानी पड़ेगी। टीएसआर ने कहा है कि अगर प्रदेश की आर्थिकी बिगड़ती है तो अंतत: इसका नुक़सान भी तो राज्य की जनता को ही भुगतना पड़ेगा।


पूर्व सीएम टीएसआर ने कहा कि उत्तराखंड के लोग स्वावलंबी हैं और यहां फ़्री पर काम नहीं बल्कि लोग मेहनत करना जानते हैं। टीएसआर ने कहा कि दिल्ली में कुछ ही लोगों को सौ यूनिट से ऊपर फ़्री बिजली दी जा रही।


ज़ाहिर है टीएसआर ने सालाना एक हज़ार करोड़ की बिजली ख़रीदने का आंकड़ा बताकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। एक तो जहाँ केजरीवाल और AAP की फ़्री वाली पॉलिटिक्स पर हमला बोला, दूसरा, धामी सरकार में ऊर्जा मंत्री बनाए गए डॉ हरक सिंह रावत पर निशाना साधा है। वैसे भी टीएसआर और हरक सिंह रावत में छत्तीस का आँकड़ा रहा है। कर्मकार बोर्ड के बहाने टीएसआर राज में दोनों आमने-सामने आ चुके हैं। त्रिवेंद्र की सीएम कुर्सी से विदाई के बाद सबसे पहले हरक सिंह रावत ने ही गैरसैंण कमिश्नरी, देवस्थानम् बोर्ड और कर्मकार बोर्ड के बहाने टीएसआर पर हमला बोला था। अब टीएसआर ने फ़्री बिजली पॉलिटिक्स में कूदे हरक और केजरीवाल को एक साथ जवाब दिया है।

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