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ADDA IN-DEPTH कर्मकार बोर्ड में टीएसआर के बिठाए सत्याल को हरक ने घर बिठाया: त्रिवेंद्र सिंह रावत को हरक सिंह रावत ने पहले दौर के मुकाबले में दे दी मात, दबाव की राजनीति के माहिर खिलाड़ी ने सीएम धामी से मनवाई अपनी बात

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देहरादून: कहते पहाड़ पॉलिटिक्स में जब भी दबाव की राजनीति की बात होगी तो डॉ हरक सिंह रावत के मुकाबले कोई भी नेता टिकता नहीं दिखेगा। पिछली कांग्रेस सरकार में बहुगुणा से लेकर हरीश रावत तक अनेक मौकों पर हरक सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्रियों को अपनी जिद मानने को मजबूर किया। लेकिन डबल इंजन और मोदी-शाह के आशीर्वाद के दम पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरक सिंह रावत की एक न चलने दी। यहाँ तक कि विभागीय तबादलों से लेकर हर गतिविधि पर टीएसआर का सर्विलांस होता रहा।

हरक सिंह रावत के लिए सबसे बड़ा झटका पिछले साल अक्तूबर में तब लगा था जब त्रिवेंद्र ने उनके विभाग के तहत आने वाले उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद का ज़िम्मा लेकर अपने चहेते शमशेर सिंह सत्याल को दे दिया था। कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव के तौर पर काम देख रही हरक की करीबी दमयंती रावत को भी हटाकर मूल विभाग में भेज दिया था। इसके बाद सत्याल ने ताबड़तोड़ हरक के समय बोर्ड द्वारा लिए फैसले पलट दिए। इतना ही नहीं हरक के अध्यक्ष रहते बोर्ड के कार्यों में नियमों को ताक पर रखने का आरोप लगाते हुए सत्याल ने स्पेशल ऑडिट का फैसला किया था, हालाँकि यह टल गया था।

बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल और श्रम मंत्री हरक सिंह रावत में आए दिन की जुबानी जंग और बोर्ड का मामला हाईकोर्ट तक चले जाने से सरकार की किरकिरी हुई तो सीएम धामी ने अब अध्यक्ष पद से सत्याल और सचिव पद के मधु नेगी चौहान को हटाकर बोर्ड का पुनर्गठन कर दिया है। सचिव श्रम हरबंस चुघ को बोर्ड का अध्यक्ष और पीसीएस डॉ अभिषेक त्रिपाठी को सचिव बना दिया गया है।
दरअसल सत्याल के अध्यक्ष बनते ही साइकिल वितरण में गड़बड़ी, तो करोड़ों के सामान की खरीद में नियमों की अनदेखी से लेकर बोर्ड बजट से कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 20 करोड़ रुपए जारी होने फिर शासन स्तर पर जांच के बाद बोर्ड को 20 करोड़ वापस कराने से लेकर अनेक विवाद सामने आते रहे। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बोर्ड का पुनर्गठन कर
इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया है।

जानकार मानते हैं कि कर्मकार कल्याण बोर्ड में अध्यक्ष पद पर शमशेर सिंह सत्याल की ताजपोशी को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना चुके श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत न केवल तीरथ राज में बल्कि धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से इस मुद्दे पर मुखर होकर दबाव बनाते आ रहे थे। सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों दिल्ली में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान भी हरक का दर्द छलका कि कैसे उनके विभागों में त्रिवेंद्र राज में न केवल दखल होता रहा बल्कि उनके अधिकारों पर भी चोट पहुँचाने का काम होता रहा।


साफ है दबाव की राजनीति के तगड़े खिलाड़ी डॉ हरक सिंह रावत ने सत्याल का विकेट चटकाकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को साफ संदेश दे दिया है कि खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। यानी 22 बैटल अभी बाकी है और तब तक कई दौर के मुकाबले होते रहेंगे लेकिन पहले दौर में हरक ने टीएसआर को सत्याल के बहाने पटका दे दिया है।

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