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इधर धामी 100 दिनों की सरकार का ढिंढोरा पीट रहे, उधर हरदा-प्रीतम में हार पर सिर-फुटौव्वल खत्म नहीं हो रही

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100 Days of Dhami Govt 2.0 and Infighting in Congress Continues: पहाड़ पॉलिटिक्स में जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सरकार के सौ दिनों के कामकाज का जमकर ढिंढोरा पीट रहे हैं, वहीं 2014 से चुनाव दर चुनाव हार झेल रही कांग्रेस में ले-देकर बचे दो बड़े नेताओं में सिर-फुटौव्वल है कि थमती नहीं दिख रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह एक-दूसरे को निशाने पर लेकर 2022 की चुनावी बैटल में पराजय का चेहरा बतलाने से नहीं चूक रहे हैं। अब हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर मुखर होकर हार का सारा ठीकरा उन्हीं के सिर फोड़ने को लेकर प्रीतम कैंप को आईना दिखाया है।

हरीश रावत ने नाराजगी जाहिर करते कहा है कि न जाने क्यों शादी-विवाह कार्यक्रमों तक में पहुँचे रहे उनके कई ‘अच्छे’ कांग्रेसी दोस्त विधानसभा चुनाव 2022 में हार के लिए उनको ही दोषी ठहरा रहे हैं। हरदा ने कहा कि मानो वे (हरीश रावत) न होते तो उनके अच्छे दोस्तों को दुनिया की कौन कौनसी दौलत और पद मिल जाते।

हरदा ने इशारों में प्रीतम सिंह तो निशाने पर लेकर कहा है कि वे अल्मोड़ा और हरिद्वार के सांसद रहे और नैनीताल-ऊधमसिंहनगर से लोकसभा का चुनाव लड़े। इन तीनों लोकसभा सीटों पर भाजपा को कांग्रेस उम्मीदवारों ने कड़ी टक्कर दी लेकिन जरा बताएं बाकी दो सीटों का हाल क्या रहा? रावत ने प्रीतम से परोक्ष रूप से पूछा है कि जरा बताएं उनके गृह क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवारों को जिताने के लिए क्या किया और कितनों को हराने के लिए काम किया?

हरीश रावत ने कहा है कि सिर्फ हार का उन पर ही दोषारोपण क्यों? उन्होंने कहा कि इस पर बात वे पार्टी के किसी भी फ़ोरम पर रखने को तत्पर हैं। जाहिर है हरदा प्रीतम सिंह से जान लेना चाह रहे कि वे बताएं उनके अपने संसदीय क्षेत्र टिहरी और बगल के पौड़ी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन क्यों खराब रहा। देखना होगा अब हरदा के वार पर प्रीतम किस तरह से और कब पलटवार करते हैं।

यहां पढ़िए हूबहू पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी भड़ास किस अंदाज में निकाली है।

मेरे कई अच्छे #दोस्त यह सोचकर के चलते हैं कि हरीश रावत नहीं होता तो उन्हें दुनिया की न जाने क्या-क्या दौलत व पद मिल जाते। वह जब शादी-विवाह में भी जा रहे हैं तो लोगों के बीच में एक ही बात कह रहे हैं कि हरीश रावत ने पार्टी को हरवा दिया नहीं तो कांग्रेस की सरकार बन जाती। मैं आप सब लोगों से यह प्रार्थना करना चाहता हूं कि ऐसे लोगों से इतना तो जरूर पूछ लीजिए कि उन्होंने इस चुनाव में किस कांग्रेस उम्मीदवार को जीताया और उनके अपने गृह क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार की उनके विषय में क्या राय है? जिताने के लिए काम किया या हराने के लिए काम किया!

#HarishRawat अल्मोड़ा से सांसद रहा, उधमसिंहनगर से सांसद का चुनाव लड़ा और हरिद्वार से सांसद रहा, तीनों संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। जहां चुनाव हारे हैं, वहां तुलनात्मक रूप में अच्छी तरह टक्कर देकर के हारे हैं। राज्य भर में जिन कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ मेरा नाम जुड़ा हुआ है, उन्होंने भी चुनाव में अच्छी टक्कर दी है। क्या यही स्थिति सारे राज्य भर में है? फिर मुझ पर ही दोषारोपण क्यों? मैं पार्टी के किसी भी फोरम में इस पर बात करने के लिए तत्पर रहूंगा।

हरीश रावत ,पूर्व सीएम
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