मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मास्टरस्ट्रोक खेलने को तैयार: राजस्व नहीं अब जल्द रेगुलर पुलिस के जिम्मे होंगे सभी जिले
देहरादून: अंकिता भंडारी हत्याकांड ने उत्तराखंड के आम जनमानस को झकझोर कर रख दिया है। हालात की गंभीरता को समझते हुए धामी सरकार ने तेजतर्रार आईपीएस पी. रेणुका के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर इस जघन्य हत्याकांड के अपराधियों को कठोरतम सजा दिलाने का संदेश देना चाहा है। लेकिन इस हत्याकांड में सबसे बड़ी लापरवाही राजस्व पुलिस के स्तर पर बरती गई जब वैभव सिंह पीड़ित पक्ष की शिकायत की बजाय हत्यारोपियों को तवज्जो देने का कृत्य किया। इसी घटना ने यह फिर साबित किया कि अब वक्त आ गया है कि राजस्व पुलिस यानी पटवारी पुलिस की बजाय समस्त उत्तराखंड में रेगुलर पुलिस की तैनाती होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बदले हालात और भारी संख्या में अन्य राज्यों से आ रहे पर्यटकों और पहाड़ों पर बढ़ते अपराधों के मद्देनजर अब रेगुलर पुलिस को ही समूचे राज्य में तैनाती देने का मन बना लिया है। दरअसल एक बड़ा पर्वतीय क्षेत्र पटवारी यानी राजस्व पुलिस (Revenue Police) के भरोसे है और अक्सर अपराध होने पर प्रारंभिक स्तर पर जिस तरह का एक्शन होना चाहिए पीड़ित को राहत और अपराधी की धरपकड़, वह नहीं हो पाता है।
लिहाजा मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि रेवेन्यू पुलिस की जगह कैसे और कहां कहां रेगुलर पुलिस ले इस पर जल्द से जल्द होमवर्क कर रिपोर्ट दी जाए। इसी कड़ी में गुरुवार को मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों को रेगुलर पुलिस को दिए जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों (DM) और पुलिस अधीक्षकों(SP) के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव संधु ने कहा कि रेगुलर पुलिस में तत्काल जिन जिलों/क्षेत्रों को शामिल करने की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव शीघ्र शासन को भेजे जाएं। साथ ही जिन क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस के थाना, रिपोर्टिंग चौकी या एरिया एक्सपेंशन की आवश्यकता है, उसके प्रस्ताव भी अतिशीघ्र भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक टूरिज्म स्टेट होने के कारण हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में महिलाओं के कार्य की अत्यधिक संभावना को देखते हुए हमें प्रोएक्टिव होकर काम करना होगा।
मुख्य सचिव संधु ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पिछले कुछ समय में पर्यटन अथवा व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ी हैं, उन्हें प्राथमिकता से रेगुलर पुलिस में शामिल किया जाए। उन्होंने डीजीपी अशोक कुमार को भी जघन्य अपराधों की कैटेगरी निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए कि राजस्व क्षेत्रों में जघन्य अपराध के मामलों को तत्काल रेगुलर पुलिस को सौंपते हुए एफआईआर दर्ज की जाए।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रदेश के किसी भी कौने में काम करने वाली महिलाओं के लिए रजिस्ट्रेशन या अन्य कोई ऐसा सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए जिसमें वह अपनी जानकारी दर्ज कर सकें कि वह यहां कार्य कर रही है, ताकि यदि कोई अप्रिय घटना होने पर तत्काल जानकारी उपलब्ध हो सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि पुलिस को इसमें प्रोएक्टिव होकर काम करना होगा। उन्होंने डीजीपी को एक मोबाइल ऐप शुरू करने के निर्देश भी दिए जिसमें काम करने वाली महिला अपनी जानकारी दर्ज कर सके। साथ ही कॉल सेंटर जैसा सिस्टम भी तैयार किया जाए जो इन महिलाओं से कुछ- कुछ समय के अंतराल के बाद उनका हालचाल भी पूछा जाए। इसके प्रचार प्रसार पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। महिलाओं और उनके परिजनों को भी इसके लिए जागरूक किया जाए।
इस अवसर पर डीजीपी कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन एवं सचिव चंद्रेश यादव सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।