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आपदाग्रस्त टिहरी-रुद्रप्रयाग में ग्राउंड जीरो पर उतरे सीएम धामी, विपक्ष

केदारनाथ यात्रा रोकी गई

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  • आपदा की सूचना पर रात में ही संभाला मोर्चा
  • सीएम की कड़ी निगरानी में एक्टिव रहा सिस्टम
  • बेहतर रहा सिस्टम का रिस्पॉन्स
  • केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे डेढ़ हजार यात्रियों को सुरक्षित निकाला
  • एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला पुलिस और जिला प्रशासन के बेहतर समन्वय से सफल रहा रेस्क्यू
  • भीमबली, रामबाड़ा, लिंचोली में फंसे 425 यात्रियों को किया गया एयरलिफ्ट
  • सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच हुए नुक़सान को लेकर मौक़े पर पहुँचे विपक्ष ने उठाये सवाल

देहरादून: बीती रात्रि भारी बारिश और बादल फटने से टिहरी और रुद्रप्रयाग ज़िले में भारी तबाही हुई है। घटना के बाद से लगातार एक्टिव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज टिहरी और रुद्रप्रयाग, दोनों ज़िलों के आपदाग्रस्त इलाक़ों तक पहुँचे और प्रभावितों से मुलाक़ात की तथा रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया। उधर केदारनाथ यात्रा पर निकला विपक्षी नेताओं का दल भी नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की अगुआई में सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच हुए नुक़सान और सरकार के इंतज़ामों का हाल जानने मौक़े तक पहुँचा।

  • आपदा की चुनौती से निपटने में सरकारी मशीनरी दिखी सक्रिय

रुद्रप्रयाग जिले में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला पुलिस और जिला प्रशासन के बेहतर समन्वय से केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भीमबली, रामबाड़ा, लिंचोली में फंसे करीब 425 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया है। इसके अलावा पैदल यात्रा मार्ग में सोनप्रयाग और भीमबली के बीच फंसे 1100 यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग बनाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।

राज्य के विभिन्न हिस्सों में बुधवार रात को अतिवृष्टि से सड़कों, पैदल पुलों, बिजली और पेयजल लाइनों के साथ ही कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुंचा है। आपदा की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बीती रात्रि से ही सक्रिय हो गए और राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर राज्य भर में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी ली।

उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए। आज बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री का पूरा दिन आपदा प्रभावित इलाकों में बीता। उन्होंने टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले के आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही आपदा प्रभावितों का हाल भी जाना। साथ ही राहत व बचाव शिविरों में कई गई व्यवस्थाओं को परखा।

मुख्यमंत्री धामी मोर्चे पर डटे तो उनकी पूरी टीम भी पूरी ताकत के साथ बचाव और राहत कार्यों में जुट गई। रुद्रप्रयाग जिले में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने देर रात से ही रेस्क्यू अभियान की कमान संभाल रखी थी।
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला पुलिस व प्रशासन के बेहतर समन्वय से शाम पांच बजे तक केदारनाथ धाम यात्रा पैदल मार्ग और विभिन्न पड़ावों में फंसे करीब डेढ़ हजार यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

  • केदारनाथ यात्रा रोकी गई

राज्य सरकार ने फ़िलहाल केदारनाथ यात्रा को रोक दिया है। बीती रात्रि भारी बारिश से हुए नुक़सान के बाद केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर कई जगह भारी भूस्खलन हुआ है। कई जगह यात्रा मार्ग ध्वस्त होने के बाद सरकार ने चारधाम यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ यात्रा फिलहाल रोक दी गई है।

  • आपदाग्रस्त क्षेत्र पहुँचे विपक्ष ने उठाये सवाल

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं की केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा यात्रा रुद्रप्रयाग ज़िले में है लिहाज़ा कांग्रेस नेता भी रात्रि की घटना के बाद आज प्रभावित क्षेत्रों तक पहुँचे। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की अगुआई में आज सुबह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा एवं पूर्व विधायक मनोज रावत राहत व बचाव कार्य का निरीक्षण करने सोनप्रयाग से आगे अन्तिम बिन्दु तक गये। आपदग्रस्त क्षेत्र की स्थिति का जायज़ा लेने के साथ विपक्ष ने सरकार को सुझाव देते हुए कुछ सवाल भी खड़े किए हैं।

मीडिया में प्रेस बयान जारी करते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि बुधवार रात्रि सोनप्रयाग से लेकर गौरीकुंड व केदारनाथ तक भारी बरसात से भूस्खलन होने के कारण लगभग 09 स्थानों पर मुख्य सड़क मार्ग या पैदल मार्ग समाप्त प्रायः हो गया है। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि सोनप्रयाग से गौरीकुण्ड के बीच ही लगभग 2500 लोग फंसे हैं। एन.डी.आर.एफ. एवं एस.डी.आर.एफ के अलावा प्रशासन का कोई भी व्यक्ति मौके पर नहीं मिला।

उन्होंने कहा कि प्रशासन को राहत और बचाव कार्य में तेजी करनी चाहिए। वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि प्रशासन को स्थान-स्थान पर फंसे लोगों तक राहत सामग्री, दवाई और खाने का सामान पहुंचाना चाहिए।

केदारनाथ से कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि इस आपदा की तीव्रता जून 2013 की आपदा जैसी ही है। उन्होंने कहा कि लोगों को अंदेशा है कि व्यापक सम्पत्ति की हानि के अलावा जनहानि भी हुई है लेकिन प्रशासन सही आंकड़े छुपा रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल एवं पूर्व विधायक मनोज रावत ने सोनप्रयाग से निकाले जा रहे यात्रियों के भोजन, पानी, दवाई आदि की व्यवस्था कर रहे व्यापार संघ, टैक्सी यूनियन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सराहना की।
नेता प्रतिपक्ष आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल एवं पूर्व विधायक रावत ने सोनप्रयाग में भण्डारे में यात्रियों की सेवा भी की।

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