“कोरोना की पहली लहर का हमने सफलतापूर्वक सामना किया और देश हौसले से भरा हुआ था. आत्मविश्वास से भरा हुआ था, लेकिन इस तूफान (दूसरी लहर) ने देश को झकझोर दिया है.”
मन की बात में बोले पीएम नरेन्द्र मोदी
रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कोरोना काल में फ्रंटलाइन वॉरियर्स के रूप में वायरस से लड़ रहे डॉक्टर्स, नर्सेज़, वर्कर्स और कोविड मरीजों के अनुभव साझा किये. मन की बात के 76वें एपिसोड में देश की जनता से संवाद करते प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन बेहद जरूरी है और इसे लेकर किसी तरह की अफ़वाह का शिकार न हों.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केन्द्र की तरफ से तमाम राज्य सरकारों को मुफ़्त वैक्सीन भेजी जा रही है और ये सिलसिला भविष्य में भी जारी रहेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि एक मई से तीसरे चरण में 18साल से ऊपर के लोगों को टीका लगाया जाएगा. मोदी ने कहा कि राज्यों से आग्रह है कि वे भारत सरकार के मुफ्त टीकाकरण अभियान का फायदा अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं.
पीएम ने कोरोना और टीकाकरण पर डॉक्टरों से बात की
प्रधानमंत्री ने मुंबई के डॉक्टर शशांक से बात की, जिसमें डॉ शशांक ने कहा कि लोग बहुत देर कर देते हैं इलाज चालू करने में और महँगी दवाओं के चक्कर में पड़ जाते हैं जबकि डॉक्टर की जल्दी से जल्दी सलाह लेकर ट्रीटमेंट शुरू करना चाहिये.
इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने फिर डॉ नाबिद से बात की. डॉ नाबिद ने पीएम को बताया कि खौफ का ऐसा माहौल था कि लोग कोरोना को मौत का पर्याय मानने लगे थे. हॉस्पिटल स्टाफ में भी डर था लेकिन हमने पाया कि प्रोटेक्टिव गियर और सावधानियाँ बरत कर सुरक्षित बचा रहा जा सकता है. डॉ नाबिद ने कहा कि वैक्सीन को लेकर भ्रम फैला था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
प्रधानमंत्री ने नर्सों से भी बात कर उनके अनुभव सुने
रायपुर के नर्स सिस्टर भावना ने कहा कि जब उनकी डयूटी कोरोना काल में पहली बार लगी तो घर पर सब डर गये थे. हमने पीपीई किट पहनकर डयूटी करना शुरू किया जो कि बहुत कठिन था लेकिन हमने मरीजों का डर दूर करना शुरू किया जिसका फायदा दिखने लगा. सिस्टर भावना ने कहा कि हम 14 दिन ड्यूटी करते हैं फिर हमें रेस्ट दिया जाता है. पीएम
मोदी ने बंगलूरू की सिस्टर सुरेखा से भी बात की. सुरेखा ने कहा कि लोगों को न टेस्ट कराने से घबराना चाहिये और न ही वैक्सीन लगवाने से. नर्स सुरेखा ने कहा कि हमें फ्रंटलाइन वर्कर के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिये और कोरोना पॉज़ीटिव हो जाये तो घबराये नहीं बल्कि सकारात्मक बने रहें.
पीएम ने एम्बुलेंस ड्राइवर की अनुभव भी जाना
आज मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने एंबुलेंस ड्राइवर प्रेम वर्मा से बात की. प्रेम वर्मा ने कहा कि मैं ड्राइवर हूं और दो साल से कहीं से भी जैसे ही कॉल आती हैं हम तुरंत पेशेंट के पास पहुँचते है. प्रेम ने बताया कि शुरू में मेरा माँ ने ये नौकरी छोड़ने को कहा तो मैंने कहा सब नौकरी छोड़ रहे फिर मरीज को अस्पताल कौन पहुँचाएगा.
कोरोना को हराने वाली प्रीति चतुर्वेदी से भी मन की बात
पीएम ने गुरुग्राम की कोरोना सर्वाइवर प्रीति चतुर्वेदी के अनुभव भी देश की जनता से साझा करवाए. पीएम ने कहा कि प्रीति के अनुभव हमारे काम आएँगे. प्रीति ने कहा कि मुझे पहले बहुत सुस्ती हुई फिर गले में ख़राश और टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉज़ीटिव आई. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आते ही खुद को क्वारैंटाइन किया और डॉक्टरों की सलाह पर इलाज शुरू किया. प्रीति ने कहा कि योगा, मेडिटेशन, काढ़ा, हेल्दी खाना, गर्म पानी पिया.