देहरादून: चुनाव करीब हैं और उत्तराखंड एक हड़ताली प्रदेश है ये तमग़ा हासिल करने को सरकार और कर्मचारी संगठन कमर कस चुके हैं। ऐसा कभी न देखा न सुना कि पुलिस जवानों के ग्रेड पे मसले पर उनके परिजनों ने सड़क पर उतरकर हल्लाबोल किया हो। रविवार को धामी सरकार और डीजीपी अशोक कुमार की तमाम कोशिशें बेअसर रहने से पुलिस परिवारों ने जमकर प्रदर्शन कर ग्रेड पे पर अपने दर्द और गुस्से का इज़हार किया।
सफ़ाईकर्मी पहले से अपनी विभिन्न माँगों को लेकर हड़ताल-प्रदर्शन कर रहे जिससे शहर-शहर कचरे के अंबार लगने लगे हैं।
अब अपनी 14 सूत्रीय माँगो को लेकर 26-27 जुलाई यानी सोमवार-मंगलवार को प्रदेश के ऊर्जा निगम कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। ऊर्जा निगम के कर्मचारी 26 जुलाई को सचिवालय कूच करेंगे और 27 जुलाई को कर्मचारी पेन डाउन कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। इसका मतलब है कि आम बिजली उपभोक्ता को बरसाती सीजन में घर-दफ्तर में पॉवर कट झेलना पड़ सकता है।
इसकी चिन्ता ऊर्जा निगम कर्मियों को भी है लिहाजा उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने बाक़ायदा लिखित अपील जारी कर कहा है कि अधिकारी-कर्मचारी 26-27 जुलाई मध्य रात्रि से होने वाली हड़ताल के मद्देनज़र संयुक्त मोर्चा आपसे निवेदन करता है कि आप सभी लोग अपने-अपने स्तर से उचित व्यवस्था करें ( जैसे कि मोबाइल फोन कि चार्जिंग, टॉर्च इत्यादि की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें ताकि विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में किसी भी अप्रिय घटना का सामना न करना पड़े…।
संयुक्त मोर्चा ने सफाई दी है कि वे हड़ताल नहीं करना चाहते लेकिन सरकार माँगें नहीं मानकर मजबूर कर रही।
आज ही अपने गृह जिले में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड को आदर्श राज्य बनने का सपना देखा है। अब आदर्श राज्य तो जब बनेंगे तब बनेंगे ही लेकिन फिलहाल तो हड़ताल प्रदेश बनते साफ साफ दिख रहे।