न्यूज़ 360

सर्वार्थ सिद्धि योग में मोदी मंत्रिपरिषद विस्तार: टीम मोदी में उत्तराखंड से किसको जगह, बलूनी,भट्ट पर भारी न पड़ जाएं महज 115 दिन में सीएम कुर्सी गंवाने वाले पौड़ी सांसद तीरथ

Share now

\


दिल्ली/देहरादून: मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की पटकथा लिखी जा चुकी है। सात जुलाई यानी बुधवार को शाम 5:30 से 6:30 के बीच मोदी मंत्रिमंडल के नए सदस्यों का शपथग्रहण होगा। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी आए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम में हेमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने वाले सर्बानंद सोनोवाल, नारायण राणे, अनुप्रिया पटेल और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस सहित एक से डेढ़ दर्जन चेहरे टीम मोदी का हिस्सा बनाए जा सकते हैं। मोदी कैबिनेट में फिलहाल 53 मंत्री शामिल हैं ओर लोकसभा की संख्या के 15 फीसदी यानी अधिकतम 81 सदस्यीय केन्द्रीय कैबिनेट बन सकती है।

माना जा रहा है कि मोदी मंत्रिपरिषद में चुनावी राज्यों को तरजीह दी जा सकती है। जहां यूपी से अपना दल सांसद अनुप्रिया पटेल सहित उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की बहन रीता बहुगुणा जोशी को मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चाएं हैं। उत्तराखंड भी चुनावी राज्य है और अभी दो दिन पहले ही यहां मुख्यमंत्री बदले गए हैं।

माना जा रहा है कि उत्तराखंड से पूर्व मुख्यमंत्री और पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। वैसे चर्चा तो अरसे से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और नैनीताल सांसद अजय भट्ट में से किसी को मंत्रिमंडल में जगह देने को लेकर भी चल रही। लेकिन जिस तरह से महज 115 दिन में तीरथ सिंह रावत से मुख्यमंत्री की कुर्सी छीनी गई है उसके बाद लगता है कि मोदी मंत्रिमंडल में उनको जगह देकर गढ़वाल के ठाकुर वोटर में मैसेज देने की कोशिश की जाएगी।

वैसे भी कुमाऊं से ठाकुर सीएम पुष्कर सिंह धामी बनाए गए हैं लिहाजा गढ़वाल के समीकरण साधने को तीरथ सिंह रावत को तवज्जो मिल सकती है। हालाँकि तीरथ के सीएम बनने के बाद उड़ी मोदी कैबिनेट विस्तार की अटकलों में पहले नाम पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का चला था लेकिन अब बीजेपी के पॉलिटिकल एक्सपेरिमेंट का ताजा शिकार तीरथ बन गए हैं लिहाजा उनके चांसेज सबसे ज्यादा बढ़ गए हैं।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!