देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 23 अगस्त से शुरू हो रहा है। विधानसभा चुनाव को अब चंद माह शेष हैं लिहाजा सड़क, स्वास्थ्य और बिजली जैसे मूलभूत मुद्दों को लेकर जनप्रतिनिधियोें पर दबाव प्रश्नकाल के दौरान बढ़ती प्रश्नों की संख्या से समझा जा सकता है।
अब तक स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी और ऊर्जा जैसे विभाग मुख्यमंत्री के पास रहते आए लेकिन सीएम बनने के बागी पुष्कर सिंह धामी ने ये अहम विभाग वरिष्ठ मंत्रियों को आवंटित कर दिए थे। लिहाजा अब सत्र में विधायकों के सवालोें का सामना इन्हीं मंत्रियों को करना है और अपने दिवसों पर जवाब देना होगां। दरअसल ये विभाग मंत्रियों को आवंटित होने से अब सदन में सोमवार की बाधा दूर हो गई है। मुख्यमंत्री के विभागों का दिवस सोमवार तय होता है और उनके विभागों स जुड़े सवाल उसी दिन पूछे जा सकते हैं। लेकिन यह इतेफाक रहा या कुछ और मौजूदा चौथी विधानसभा के दौरान अधिकांश सत्र सोमवार को आयोजित ही नहीं हुए। यदि सत्र सोमवार को आयोजित भी हुआ तो उस दिन मुख्यमंत्री सदन में अक्सर गैर-हाज़िर नजर आए।
इस कारण जनहित से जुड़े इन विभागों के लिखित जवाब ही आए कभी चर्चा न हो सकी। लेकिन अब पीडब्ल्यूडी मंत्री के नाते सतपाल महाराज सड़क पर, डॉ धन सिंह रावत स्वास्थ्य और हरक सिंह रावत ऊर्जा पर जवाब देंगे तो यशपाल आर्य आबकारी विभाग पर जवाब देंगे।
विधानसभा चुनाव करीब आया तो विधायकों के सवाल भी बढ़ते दिख रहे। अभी तक 600 से ज्यादा सवाल विधायकों कि तरफ से विधानसभा सचिवालय पहुंच चुके हैं। मानसून सत्र 23 अगस्त से शुरू होकर 27 अगस्त तक चलेगा और सत्तापक्ष से विपक्ष को विधायक जमकर मूलभूत मुद्दों पर अपने क्षेत्र की समस्याएँ सवालों के जरिए उठाने वाले हैं। जाहिर है मंत्रियों को तीखे सवालोें के लिए तैयार रहना होगा।