- जानिए NEET ऑल इंडिया टॉपर तनिष्का का सक्सेस मंत्रा: बनना चाहती हैं कैंसर या न्यूरो डॉक्टर
- कोरोना और लॉकडाउन में डगमगाने लगा था आत्मविश्वास फिर ‘बूस्टर डोज’ ने दिलाई कामयाबी
NEET Exam Resurt 2022: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानी NEET UG 2022 के नतीजे बुधवार देर रात्रि घोषित कर दिए गए। इस बार नीट यूजी में हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के नारनौल की रहने वाली तनिष्का ने पहला स्थान हासिल किया है। ऑल इंडिया टॉपर तनिष्का ने 720 में 715 अंक हासिल किए हैं। तनिष्का टाई ब्रेकर में टॉपर घोषित की गई हैं। वहीं, दिल्ली के वत्स आशीष बत्रा को दूसरा स्थान हासिल हुआ है। जबकि कर्नाटक के ऋषिकेश नागभूषण गंगुले को तीसरी रैंक हासिल हुई है। कर्नाटक की ही रुचा पावाशे को चौथी और तेलंगाना की एराबेली सिद्धार्थ राव को पाँचवी रैंक हासिल हुई है। ज्ञात हो कि 17 जुलाई 2022 को हुई नीट यूजी (NEET UG) परीक्षा में 18 लाख से ज़्यादा बच्चों ने हिस्सा लिया था।
यूँ तो टॉपर तनिष्का बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थी लेकिन मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट को लेकर उन्होंने ख़ास रणनीति बनाई और इसमें परिवार ख़ासकर माता-पिता और दादी-दादा के अलावा टीचर्स से खासी मदद और मोटिवेशन मिली। टॉपर तनिष्का ने कहा है कि कोकोनट लॉकडाउन में ऑफ़लाइन स्टडी पर ब्रेक लग गया था जिसके बाद थोड़ा आत्मविश्वास डगमगाने लगा था लेकिन परिवारजनों और टीचर्स ने सही समय पर मोटिवेशन देकर पुन: कॉन्फ़िडेंस हासिल करने में बूस्टर डोज़ सरीखा काम किया।
टॉपर तनिष्का की मां सरकारी स्कूल (इंटर) में लेक्चरर हैं जबकि उनके पिता सरकारी स्कूल में टीचर हैं। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी तनिष्का अपनी इस कामयाबी के लिए अपने दादा और दादी को ख़ासतौर पर श्रेय देती हैं जिन्होंने पोती को हमेशा पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। तनिष्का की इस कामयाबी के बाद उनके पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है।
जानिए बचपन से डॉक्टर बनने का सपना लिए पढ़ाई कर रही तनिष्का का सक्सेस मंत्रा
NEET परीक्षा टॉपर तनिष्का ने राजस्थान के कोटा में रहकर प्राइवेट कोचिंग सेंटर ALLEN की मदद से दो साल तैयारी की। ऑल इंडिया टॉप करने के बाद तनिष्का ने कहा, ‘मैं बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहती हूं। क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आप दूसरों की मदद कर खुद को स्थापित कर सकते हैं। मैंने NEET परीक्षा की तैयारी 11वीं क्लास से शुरू कर दी थी। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के कारण ऑफलाइन स्टडी नहीं हो पाई, तो उस समय मुझे काफी दिक्कत आई। मेरा कॉन्फिडेंस भी थोड़ा डाउन हो गया था। फिर 12वीं में ऑफलाइन स्टडी के दौरान टीचर से प्रॉब्लम्स के सॉल्यूशन समझे और कॉन्फिडेंस बिल्डअप हुआ। इसका फायदा मुझे एग्जाम में मिला। पेरेंट्स ने कभी मुझे पढ़ाई को लेकर दबाव नहीं बनाया, बल्कि हमेशा मोटिवेट ही किया। कोचिंग और स्कूल के अलावा मैं हर दिन 6-7 घंटे सेल्फ स्टडी करती थी। हर दिन जो पढ़ाया जा रहा है, उसका रिवीजन करना बहुत जरूरी है। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे आपको रिवीजन करना चाहिए। यही सक्सेस का मूल मंत्र है।’
टाई ब्रेकर से तनिष्का बनी टॉपर
तनिष्का को टाई ब्रेकर फ़ॉर्मूले से ऑल इंडिया टॉपर घोषित किया गया है। दरअसल, टाई ब्रेकर री मतलब यह है कि जब एक से अधिक बच्चों के अंक टाई हो जाते हैं तब NTA बायोलॉजी में अधिक अंक प्राप्त करने वाले को टॉपर घोषित करता है। अगर बायोलॉजी से भी टॉपर का फ़ैसला न हो पा रहा हो तब केमिस्ट्री में अधिक अंक पाने वाले को वरीयता दी जाएगी और उसके बाद जिस छात्र ने कम ग़लत उत्तर दिए उसे वरीयता मिलती है। इसी टाई ब्रेकर फॉर्मूले से तनिष्का को ऑल इंडिया टॉपर डिक्लेयर किया गया है।