मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय को मंत्रिमंडल के ही माननीय सदस्य द्वारा किस प्रकार प्रतिकूल साबित किया जा सकेगा, यह पूर्णतः संदेहास्पद है। ऐसी स्थिति में सचिवालय संघ इस बात से पूर्ण रूप से आश्वस्त है कि किसी भी दशा में माननीय मंत्रिमंडल के सदस्य सरकार के निर्णय से इतर कार्मिक हित में कोई सार्थक व अपेक्षित निर्णय नहीं ले सकते हैं।
दीपक जोशी, अध्यक्ष, सचिवालय संघ, उत्तराखंड
Uttarakhand News: सचिवालय सहित विभिन्न विभागों में वेतनमान डाउनग्रेड के मामले में मंत्रिमण्डल के किसी कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बनाये जाने तथा कमेटी की रिपोर्ट पर अग्रेत्तर निर्णय लिये जाने के मामले में सचिवालय संघ द्वारा तीखी प्रतिक्रिया दी गई है।
संघ के अध्यक्ष एवं महासचिव द्वारा कहा गया है कि वेतनमान डाउनग्रेड का मामला सचिवालय सेवा संवर्ग के कार्मिकों से भी प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है। इस मामले में संघ की ओर से पूर्व में किये गये भारी विरोध के उपरान्त मामला शान्त/पटापेक्ष कर दिया गया था। अब समाचार पत्रों व मीडिया के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 05.11.2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्तर पर की गयी बैठक के उपरान्त इसे पुनः उजागर करने तथा इस पर कमेटी गठित किये जाने को लेकर सचिवालय संघ ने कड़ी नाराजगी दर्ज की है।
संघ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सचिवालय संघ द्वारा वेतनमान डाउनग्रेड को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जायेगा। प्रदेश की आर्थिक स्थिति का रोना केवल कार्मिकों के वेतन, भत्तों पर ही थोपा जाता है। जबकि सचिवालय संघ की ओर से प्रदेश की आर्थिकी की बचत हेतु आला अधिकारियों के मनमाने खर्चों एवं अन्य सुझावों के साथ लिखे गये विस्तृत पत्र का अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। प्रदेश हित में संघ द्वारा दिए गए उन सुझावों पर भी प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लिया जाना चाहिये था, जो कि अब तक नहीं लिया गया है।
संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिस वेतनमान डाउनग्रेड के मामले को सचिवालय संघ ठण्डे बस्ते में डलवा चुका था, उसे फिर कतिपय संगठनों द्वारा बिना वजह चिंगारी दी गयी है। जोशी ने कहा कि शान्त मामलेे में पुनः कमेटी बनवाकर कार्मिक हित के साथ खिलवाड़ किया गया है। संघ ने इस मामले में कार्मिकों के हितों की अनदेखी न किये जाने हेतु मुख्यमंत्री से इसका संज्ञान लेते हुये पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
संघ के अध्यक्ष जोशी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सचिवालय सेवा को इस शासनादेश/कमेटी के गठन आदि से पृथक रखा जाये तथा किसी भी दशा में वेतनमान डाउनग्रेड का निर्णय सचिवालय सेवा पर न थोपा जाए, क्योंकि सचिवालय के वेतनमान आदि की पैरिटी/समकक्षता कभी भी विभाग से नहीं रही है। जोशी ने कहा कि अनावश्यक मामले को कार्मिकों के हितों के विपरीत थोपे जाने पर सचिवालय संघ आन्दोलन हेतु मुखर होगा।