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मेरा बेटा पुलकित…सीधा सादा बालक..कलेजा कांप क्यों नहीं गया ये कहते कहते!

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Justice for Ankita Bhandari: अंकिता भंडारी को जिस तरह से दरिंदों ने मौत के घाट उतारा और फिर खुद ही राजस्व पुलिस में मुकदमा दर्ज कराकर खुद को बचाने के लिए जो शातिराना खेल खेला गया, वह बताता है कि पुलकित आर्य कितना शातिर और आपराधिक किस्म का है। लेकिन अब जब पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद तीनों आरोपियों ने इकबाले जुर्म कर लिया है जैसा पुलिस ने कहा है, तब से पूरे प्रदेश में उबाल है बल्कि देशभर में जिसने भी इस जघन्य अपराध के बारे में सुना उसने आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है। लेकिन आज तक हर बार पुलकित आर्य के अपराध पर पर्दा डालता रहा उसका पिता और कल तक भाजपा में रसूखदार नेता रहा पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य अपने बिगड़ैल बेटे की तरफदारी से अभी भी बाज नहीं आ रहा है।

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Vinod Arya, father of Pulkit main accused in Ankita Murder case

अंकिता हत्याकांड के बाद पहली बार आज मीडिया से मुखातिब होते पुलकित का पिता विनोद आर्य अंकिता भंडारी का हश्र देखने के बावजूद कहता है कि मेरा बेटा पुलकित सीधा सादा बालक है और अपने काम से काम पर ध्यान देता है। क्या आपको इसी से अंदाजा नहीं हो जाता कि कैसे विनोद आर्य अपने बिगड़ैल रईसजादे को हर अपराध के बाद बचाता रहा होगा! कहने के विनोद आर्य जांच में सहयोग और अंकिता को न्याय मिलने की बात करता है लेकिन अगले ही पल वह अपने बेटे को सीधा सादा मासूम बताकर उस पर लगे हत्याकांड के संगीन आरोप पर भी परदा डालने की चाल चलता है। आप खुद सुनिए जिसे पुलिस मुख्य आरोपी मान रही और एक नहीं कई साक्ष्य इसकी तस्दीक भी कर रहे लेकिन विनोद आर्य को अपने बेटे की मासूमियत एक बच्ची की हत्या से अधिक जरूरी जान पड़ रही।

जबकि विनोद आर्य अच्छी तरह से जानता है कि उसका बिगड़ैल बेटा ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज की 2016 की बीएएमएस परीक्षा के मुन्नाभाई कांड का अहम खिलाड़ी रह चुका है और कई लड़ाई झगड़े के आपराधिक कृत्यों में संलिप्त रहा है। न केवल संलिप्त बल्कि मुकदमेबाजी में भी उलझता रहा है। लेकिन एक मासूम की हत्या पर एक शब्द भी कहने की बजाय विनोद आर्य अपने बेटे को ही सीधा सादा होने का चरित्र प्रमाणपत्र जारी करने से नहीं बाज आ रहा है।

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