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RTI: पूर्व सांसद निधि खर्चने में थे फिसड्डी, नए सांसद भी नहीं करा पाए साल भर में एक रुपये का काम

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  • उत्तराखंड के लोक सभा सांसदों ने पहले वर्ष में नहीं किया सांसद निधि से कोई कार्य स्वीकृत
  • लोकसभा के पूर्व सांसदों के 795 कार्य प्रारंभ भी नहीं हुये
  • ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ खुलासा


Right to Information: उत्तराखंड की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बम्पर समर्थन दिया जिसका परिणाम यह रहा कि पांचों सीटों पर भारी मतों के साथ कमल खिला लेकिन सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी में खुलासा हुआ है कि सांसद निधि से विकास कार्य कराने में अब इन जनप्रतिनिधियों की खास दिलचस्पी नहीं है। आरटीआई से पता चला है कि लोकसभा सांसद अपनी सांसद निधि से कार्य स्वीकृत करने व पूर्ण कराने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। 18वीं लोकसभा के के पहले वर्ष 2024 में उत्तराखंड के पांच लोकसभा सांसदों ने अपनी सांसद निधि से कोई कार्य स्वीकृत ही नहीं किया हैं। वहीं पूर्व सांसदों की दिसम्बर 2024 तक केवल 58 प्रतिशत सांसद निधि ही खर्च हो सकी है। इनके 795 स्वीकृत कार्य दिसम्बर 2024 तक प्रारंभ भी नहीं हुये है। यह खुलासा सांसद निधि के नोडल विभाग ग्राम्य विकास आयुक्त उत्तराखंड कार्यालय द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उददीन एडवोकेट को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।


काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से सांसद निधि खर्च सम्बन्धी सूचना चाही थी। इसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी उपायुक्त प्रशासन, हेमन्ती गुजियाल द्वारा अपने पत्रांक 20211 के साथ सांसद निधि खर्च के दिसम्बर 2024 के विवरण उपलब्ध कराये गये है जिसमें दिसम्बर 2024 के अंत तक की उत्तराखंड के लोक सभा सांसदों की सांसद निधि खर्च का विवरण दिया है।


एडवोकेट नदीम को उपलब्ध विवरण के अनुसार 18वीं लोकसभा के किसी भी सांसद ने दिसम्बर 2024 तक कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया हैं जबकि 17वीं लोकसभा के पूर्व सांसदों ने अपने पूरे कार्यकाल में 5782 कार्य स्वीकृत किये थे जिनमें से दिसम्बर 2024 तक 3517 कार्य पूर्ण हुये है, 1470 कार्य चल रहे हैं तथा 795 कार्य प्रारंभ भी नहीं हुए हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता नदीम को उपलब्ध विवरण के अनुसार अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा की 17वीं लोकसभा के कार्यकाल की 69 प्रतिशत सांसद निधि ही दिसम्बर 2024 तक खर्च हो सकी है। इसमें 1763 कार्य स्वीकृत किये हैं जिसमें 701 कार्य पूर्ण हो चुके है, 936 कार्य प्रगति पर है तथा 36 कार्य प्रारंभ भी नहीं हुये हैं।


हरिद्वार से वर्तमान सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत के पास उपलब्ध 5 करोड़ की सांसद निधि में से उन्होंने कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया हैं। हरिद्वार के पूर्व सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की 50 प्रतिशत सांसद निधि ही दिसम्बर 2024 तक खर्च हो सकी है। उनके द्वारा स्वीकृत 355 कार्यों में 160 कार्य पूर्ण हो चुके है तथा 195 कार्य गतिमान हैं।


पौड़ी सांसद अनिल बलूनी के पास उपलब्ध 5 करोड़ की सांसद निधि में से कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुआ है। जबकि पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत की भी 38 प्रतिशत सांसद निधि ही खर्च हो पाई थी। उनके द्वारा स्वीकृत कुल 986 कार्यों में से 370 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 166 कार्य प्रगति पर है तथा 450 कार्य प्रारंभ ही नहीं हो पाए हैं।


टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह की 18वीं लोकसभा की 5 करोड़ की उपलब्ध सांसद निधि में से कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया हैं। जबकि उनके पिछले कार्यकाल की 68 प्रतिशत सांसद निधि खर्च हुई है। इनके द्वारा 2397 कार्य स्वीकृत किये गये है जिसमें से 2086 पूर्ण हो चुके है, 04 प्रगति पर है तथा 307 कार्य पाँच साल गुज़र जाने के बाद भी शुरू ही नही हो पाए।


नैनीताल सांसद अजय भट्ट के वर्तमान कार्यकाल में तो 5 करोड़ की उपलब्ध निधि में से कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुआ है। 17वीं लोकसभा के उनके पिछले कार्यकाल में 64 प्रतिशत सांसद निधि खर्च हुई है। इनके स्वीकृत कुल 371 कार्यों में से 200 पूर्ण हो चुके है, 169 प्रगति पर है तथा 2 कार्य शुरू ही नहीं हुए।

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