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कन्या गुरुकुल में सेवा पखवाड़ा के तहत व्यक्तिगत स्वच्छता व नशा मुक्ति जागरूकता पर व्याख्यान  

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देहरादून: गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के देहरादून स्थित कन्या परिसर में भारत सरकार के सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित स्वच्छता सप्ताह के दौरान 24 सितंबर को ‘व्यक्तिगत स्वच्छता एवं नशा मुक्ति जागरूकता’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. रत्ना त्रिपाठी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, देहरादून ने विषय से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं से छात्राओं को अवगत कराया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ परिसर में पौधारोपण करके किया गया। परिसर समन्वयक प्रो. हेमन पाठक, डॉ निशा यादव एवं डॉ रीना वर्मा ने मुख्य वक्ता का पौधा भेंट कर स्वागत किया। समन्वयक प्रो पाठक ने बताया कि हमें समय – समय पर इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर छात्राओं को जागरूक करते रहना चाहिए। 

डॉ रत्ना त्रिपाठी ने ड्रग्स, गांजा एवं अन्य नशीले पदार्थों को लेकर छात्राओं को जागरूक किया। उन्होंने अपने व्याख्यान में जेन-जी को लक्ष्य करते हुए कहा कि नशा एक चक्रव्यूह है जिसमें घुसना आसान है लेकिन बाहर निकलना मुश्किल है। इसलिए आज की युवा पीढ़ी को अपनी ऊर्जा खेल एवं अन्य रचनात्मक गतिविधियों में लगानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने व्यक्तिगत नशामुक्ति, डिजिटल नशामुक्ति एवं आध्यात्मिक नशामुक्ति जैसे विषयों पर भी प्रकाश डाला। 

डॉ त्रिपाठी ने युवतियों एवं महिलाओं में आयुवर्ग के अनुसार उत्पन्न होने वाली समस्याओं और उसके निदान पर भी अपने विचार रखे। जैसे- पीसीओडी, पीआईडी, यूटीआई और मासिक धर्म संबंधी अनियमितता से भी छात्राओं को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मध्यम वर्ग की महिलाओं को प्री – मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम, गर्भावस्था संबंधी समस्या, स्तन कैंसर, अनिद्रा, ओस्टियोपोरोसिस एवं सिस्ट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने ने बताया कि महिलाओं संबंधी ये समस्याएं मुख्यतः सात हार्मोनल बदलावों के कारण होती हैं। इनके निवारण के लिए उम्र के साथ महिलाओं को अपने खान – पान के प्रति सतर्क रहते हुए, कुछ बदलाव अवश्य करने चाहिए। इसके लिए मौसमी आहार ग्रहण करने के साथ – साथ व्यायाम को भी जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। साथ ही डॉ त्रिपाठी ने माहवारी के समय किस तरह की साफ-सफाई की आवश्यकता होती है उससे भी छात्राओं को अवगत कराया। 

कार्यक्रम में छात्राओं एवं शोधार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। उन्होंने किशोरियों में होने वाले मानसिक बदलावों के कारणों से भी श्रोताओं को परिचित कराया। साथ ही शादी से पहले युवतियों के लिए सर्वाइकल कैंसर वैक्सीनेशन कितना एवं क्यों महत्वपूर्ण है इन सभी बिंदुओं पर सारगर्भित रूप में प्रकाश डाला।

 डॉ रीना वर्मा ने इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए मुख्य वक्ता डॉ त्रिपाठी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में प्रो निपुर सिंह, डॉ नीना गुप्ता, डॉ सरिता नेगी, डॉ ममता यादव, डॉ सुनीति आर्या, डॉ बबिता शर्मा, डॉ अर्चना डिमरी, डॉ रचना पांडे, डॉ रचना चौहान, डॉ रेखा राजपूत, श्वेता त्रिपाठी, शोधार्थी एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।

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