- UKSSSC Paper Leak के बाद सीएम धामी के निर्देश पर वन दरोगा ऑनलाइन परीक्षा 2021 में भी STF ने किया केस दर्ज
- वन दरोगा ऑनलाइन 2021 परीक्षा में आज केस दर्ज
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हुई कार्रवाई
देहरादून: उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में एक तो सरकारी नौकरियाँ बेहद कम ऊपर से नकल माफिया की बुरी नजर और भर्ती आयोगों में बैठे उनसे सहानुभूति रखने वालों की फ़ौज! एक दो साल या एक दो परीक्षा की बात नहीं बल्कि यह एक ऐसा ख़तरनाक गठजोड़ है जो बीते 22 सालों में लगातार मजबूत होता गया है और इसके आगे सिस्टम बेदम बेअसर! लेकिन राज्य बनने के बाद से कई लाइलाज बीमारियों के इलाज का बीड़ा उठाए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को आस जगी है कि वे ही नकल माफिया के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे। वरना आयोगों का आलम ऐसा रहा कि यूकेएसएससी की एक के बाद एक भर्ती परीक्षा करा रही NSEIT को उत्तरप्रदेश से लेकर मध्यप्रदेश तक दागी एजेंसी करार देकर ब्लैकलिस्टेड किया जा रहा था। लेकिन उत्तराखंड में रेड कारपेट बिछाकर गले लगाया जा रहा था।
इसी NSEIT एजेंसी की करतूत अब STF की पकड़ में आ चुकी हैं लेकिन कल यही बाद बेरोज़गारों की लड़ाई लड़ रहे उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कही और उसे दमदार तरीके से आपके THE NEWS ADDA ने जनता तक पहुँचाया तो आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने नोटिस थमाकर कोर्ट में घसीटने की धमकी देकर डराना चाहा। खैर देर आए पर दुरुस्त आए अब उसी दागी एजेंसी और यूकेएसएससी के तत्कालीन कर्ताधर्ताओं की साँठगाँठ के कच्चे चिट्ठे खुलने लगेंगे। सवाल है कि संतोष बडोनी कब तक जांच के शिकंजे से बचे रहेंगे?
अब जब भर्ती परीक्षाओं पर नकल माफिया की कुदृष्टि के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहे हैं, तो उम्मीद है जो बाइस सालों में न हुआ वह अब होता दिखे! इसी का नतीजा है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड की परतें एसटीएफ खोल रही है। अब मुख्यमंत्री ने सूबे में नकल माफिया की कमर पूरी तरह से तोड़ने की रणनीति के तहत वन दरोगा ऑनलाइन परीक्षा 2021 की जांच कै जिम्मा भी एसटीएफ को देने के निर्देश दिए जिसके बाद इस मामले में भी केस दर्ज हो गया है।
सीएम धामी की जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन नीति और नकल माफिया के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश के क्रम में रविवार को यह एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती की जांच कराने के लिए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को निर्देशित किया था। इसके बाद डीजीपी ने वन दरोगा भर्ती परीक्षा मे धाँधली की जांच एसटीएफ को सौंप दी है। उपरोक्त निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड एसटीएफ ने परीक्षा में धांधली की पुष्टि होने पर वन दरोगा ऑनलाइन 2021 परीक्षा में आज केस दर्ज किया है
मुख्यमंत्री धामी ने लगातार ज़ीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने की बात कही है। उन्होंने कहा,”*भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी।”
एसटीएफ़ द्वारा जानकारी दी गयी है कि वन दरोगा के पदों पर भर्ती परीक्षा दिनाक 16- 9-21 से 25-9-21 के बीच 18 शिफ्टों में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित हुई थी। इसमें कुल 316 पदों के लिए रिक्तियां थी। उपरोक्त प्रकरण में अनियमितता और कुछ छात्रों द्वारा अनुचित साधनों के प्रयोग की एसटीएफ/साइबर द्वारा जांच बाद पुष्टि हुई है।
प्रकरण में जांच के बाद साइबर थाना देहरादून पर रविवार को मुकदमा अपराध संख्या: 22/22 धारा 420/120 B भादवी,66 आई.टी. एक्ट और 3/5/6/9/10 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा नकल निवारण अधिनियम की धाराओं में पंजीकृत किया गया है।
प्रकरण में प्राथमिक रूप से कुछ छात्रों को चिन्हित भी कर लिया गया है और इसमें सम्मिलित कुछ नकल माफियाओं को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ भी चल रही है।
इस परीक्षा को कराने वाली एजेंसी M/S NSEIT Limited की संलिप्तता होने के साक्ष्य प्राथमिक जांच से प्रकाश में आए है और साथ ही कुछ प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहां पर परीक्षायें आयोजित हुई, उनको भी चिन्हित कर लिया गया है।
उपरोक्त ऑनलाइन नकल माफिया गैंग में हरिद्वार देहात,पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोग प्राथमिक जांच में शामिल पाए जाने के संकेत मिले है।
ऑनलाइन नकल परीक्षा गैंग में प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहां नकल के सेंटर थे,ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कुछ लोग,कक्ष निरीक्षक, व परीक्षा से जुड़े कुछ लोग जांच में संदिग्ध प्रकाश में आए है।