दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर का ख़तरा अभी पूरी तरह खत्म हुआ नहीं कि इस वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट ने भारत सरकार के होश उड़ाने शुरू कर दिए हैं। इस वैरिएंट के नए केस मिलने से केन्द्र सरकार की चिंता बढ़ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 8 राज्यों को चिट्ठी लिखकर तुरंत कंटेनमेंट उपायों पर अमल करने को कहा है ताकि डेल्टा प्लस वेरिएंट को फैलने से रोका जा सके।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा को कंटेनमेंट और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जैसे उपायों को अपनाने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इन 8 राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट को चिंतित करने वाला वेरिएंट बताते हुए कहा है कि यह अधिक संक्रामक है और फेफड़ों की कोशिकाओं में रिसेप्टर्स का मजबूत बंधन होता है जो मोनोकोनल एंटीबॉडी रिस्पॉन्स को भी संभवत: कम कर सकता है।
केन्द्र ने राज्यों से अपील की है कि जिन जिलों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस पाए गए हैं, वहां तुरंत कंटेनमेंट उपायों को अपनाया जाए ताकि इसे बेक़ाबू होने से रोका जा सके। इन क्षेत्रों में भीड़ न लगने दी जाए, टेस्टिंग को बढ़े , ट्रेसिंग बढ़े और वैक्सीनेशन तेज किया जाए। संक्रमित लोगों के अधिक से अधिक सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिंग कराने को भी कहा गया है।
उत्तराखंड सरकार भी डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अलर्ट हो चुकी है। डीएम देहरादून से महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और केरल से आने वाली फ्लाइट्स के हर यात्री की कोविड टेस्टिंग के निर्देश दिए हैं। इसी डेल्टा प्लस वैरिएंट को कोरोना की तीसरी लहर का ज़िम्मेदार माना जा रहा है लिहाजा सतर्कता बरतने की बेहद सख्त दरकार है।