Dehradun/Nainital News: प्रदेश में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा को लेकर सड़कों से लेकर सियासत तक बवाल मचा हुआ है। बेरोजगार युवा सीबीआई जांच की मांग को लेकर सड़कों पर उतर रहे तो सियासी मोर्चे पर राज्य सरकार की घेराबंदी को कांग्रेस विधायक और विधानसभा में उप नेता विपक्ष भुवन कापड़ी सीबीआई जांच की मांग को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गए। सोमवार को हाईकोर्ट में कांग्रेस नेता की याचिका पर सुनवाई हुई तो कोर्ट ने कापड़ी से ही पूछ लिया कि आपको एसटीएफ उत्तराखंड की जांच पर शक क्यों हो रहा और आप क्यों चाहते हैं कि जांच सीबीआई से कराई जाए?
दरअसल उत्तराखंड एसटीएफ ने UKSSSC पेपर लीक स्कैम में ताबड़तोड़ 36 गिरफ्तारियां की हैं जिसकी तारीफ विपक्ष भी कर रहा लेकिन कांग्रेस की दलील रही है कि आगे जब और बड़ी मछलियां नकल माफिया के साए में होंगी तब स्टेट जांच एजेंसी के संभव हैं कि हाथ कांप जाएं और असल दोषी बच निकले।
इसी आधार पर पर भुवन कापड़ी की याचिका में कहा गया गया है कि UKSSSC पेपर लीक कांड में हुई गड़बड़ी की जांच एसटीएफ सही तरीके से नहीं कर रही है और उत्तराखंड से उत्तरप्रदेश तक फैले बड़े आरोपी न पकड़कर छोटे लोगों को ही गिरफ्तार कर रही है। लिहाजा जांच एसटीएफ से लेकर सीबीआई को सौंपी जाए।
इस पर सोमवार को जब वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई तो जस्टिस मिश्रा ने याचिकाकर्ता भुवन कापड़ी से पूछा कि वे बताएं कि आखिर वे इस मामले की सीबीआई जांच क्यों कराना चाहते हैं? कोर्ट ने सवाल किया कि आपको आखिर स्पेशल टास्क फोर्स यानी STF की जांच पर संदेह क्यों हो रहा है? HC ने पूछा कि अगर एसटीएफ जांच में किसी को बचा रही है तो आप वह नाम कोर्ट को बताएं। हाईकोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी। वहीं सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की तरफ से कहा गया कि कापड़ी की याचिका राजनीतिक वजहों एसएसबी दायर की गई है।