- Uniform Civil Code portal launch
- आजादी के अमृत काल में समान नागरिक संहिता होगी बड़ी इबारत: CM धामी
- सीएम ने प्रदेशवासियों से सुझाव देने की अपील की
- प्रदेश में बनाई जा रही समान नागरिक संहिता अन्य राज्यों के लिए भी होगी अनुकरणीय: सीएम
- समान नागरिक संहिता के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से भेंट की
- सुझाव के लिए विशेषज्ञ समिति ने पोर्टल लांच किया
Uniform Civil Code in Uttarakhand: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का वो कमिटमेंट जिसे हर हाल में पूरा कर वह संदेश देंगे कि उनकी करनी और कथनी में रत्ती भर का भी अंतर नहीं है। यही वजह है कि सीएम धामी यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को लेकर न केवल फिक्रमंद दिखते हैं बल्कि व्यक्तिगत तौर पर इसका फॉलोअप भी करते रहते हैं कि एक्सपर्ट कमेटी किस दिशा में कितना आगे बढ़ चुकी है। संभवतया सीएम धामी UCC के जरिए अपने पांच साल के कामकाज की एक झलक भी दिखा देना चाहते हैं कि वे इस बार वो स्टेप्स लेने का दावा कर रहे जो आगे के लिए नजीर बनते जाएंगे। हालांकि UCC का रास्ता इतना आसान नहीं रहने वाला है लेकिन एक युवा सीएम के नाते धामी जोखिम की राजनीति से कतई घबराते नहीं दिखना चाहते हैं। आज UCC एक्सपर्ट कमेटी सीएम धामी से मिली और पोर्टल भी लॉन्च कर दिया गया है।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता हेतु सुझावों के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट मुलाकात की। मुख्यमंत्री धामी ने समिति के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश की जनता से वादा किया था कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा। इस दिशा में पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी गई।
मुख्यमंत्री धामी ने समिति के अब तक के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा कि विशेषज्ञ समिति ने तेजी से काम किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विशेषज्ञ समिति प्रबुद्धजनों के साथ साथ आम जन से सुझाव प्राप्त कर प्रदेश की जनता के लिये हितकारी समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी। यह दूसरे प्रदेशों के लिये भी अनुकरणीय होगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता के संबंध में उत्तराखण्ड की जनता का सकारात्मक रिस्पॉन्स है और अच्छी भावना के साथ किये गये कार्य सफल होते हैं।
इस दौरान विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि समान नागरिक संहिता के संबंध मे सुझाव प्राप्त करने के लिये पोर्टल/वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है। इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात 7 अक्तूबर तक भेज सकते हैं। समिति हर सुझाव पर पूरी गम्भीरता से विचार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समान नागरिक संहिता के रूप में आज़ादी के अमृत काल में एक बड़ी इबारत लिखने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपने सुझाव देने का आग्रह करते हुए कहा है कि राज्य सरकार अपने हर वादे को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है। देश में आज तक किसी भी कानून को बनाते समय इतने बड़े स्तर पर जनता से सुझाव नहीं मांगे गए। प्रदेश के सभी नागरिकों और हितधारकों को SMS और WhatsApp पर पोर्टल के लिंक के साथ अपील भेजी जा रही है। इसके माध्यम से वे अपने सुझाव एक माह के भीतर दे सकते हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर उत्तराखण्ड के निवासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले प्रासंगिक कानूनों – विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने और रखरखाव व संरक्षता विषयक सहित पर मसौदा कानून तैयार करने या मौजूदा कानून में संशोधन करने तथा समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के सम्बंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। समिति की अनेक बैठकें हो चुकी हैं जिनमें व्यापक विचार विमर्श किया गया है। अब https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है। इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात 7 अक्तूबर तक भेज सकते हैं।
इस दौरान समिति के सदस्य जस्टिस (रिटायर्ड ) प्रमोद कोहली, मनु गौड़, शत्रुघ्न सिंह (पूर्व चीफ सेक्रेटरी), प्रो सुरेखा डंगवाल, सदस्य सचिव एवं अपर स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव डाॅ एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।